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Makar Sankranti 2025: सूर्य उत्तरायण में प्रवेश शुभ कार्यों के लिए उत्तम
मकर संक्रांति का दिन सूर्य की खगोलीय स्थिति में बदलाव का संकेत देता है। जब सूर्य मकर रेखा को पार करके कर्क रेखा की ओर बढ़ता है तो इसे उत्तरायण कहते हैं। यह समय बड़े दिन और छोटी रातों की शुरुआत का प्रतीक है। वैदिक परंपराओं में सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि माना जाता है। इसे देवयान और पितृयान भी कहा जाता है। उत्तरायण काल शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। माना जाता है कि इस दौरान किए गए दान, तप और साधना से बहुत लाभ मिलता है।