शहर में रियल एस्टेट कारोबार के क्षेत्र में लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से करीब एक हजार से अधिक फ्लैट्स अधूरे पड़े है। लगभग दो सौ फ्लैट्स बनकर तैयार है पर इसका कोई खरीददार नहीं है। करीब दो हजार फ्लैट्स के निर्माण संबंधी प्रस्ताव की मंजूरी नहीं मिलने से प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन अवधि में लगभग अस्सी करोड़ रुपए के नुकसान होने का अनुमान है।
कार बाजार सुस्त
सामान्य दिनों में सभी कंपनियों के हर माह करीब पांच सौ कारों की बिक्री हो रहीं थी। यह पूरी तरह से थम गया है। कार बाजार में एक माह में करीब चालीस करोड़ रुपए के व्यवसाय होते रहे है। डेढ़ माह के लॉकडाउन से कार शो रूम संचालकों को अंदाजन 60 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया। यह व्यवसाय बंद रहने से शहर के शो रूम से सरकार को बतौर जीएसटी शुल्क 18 करोड़ व रोड टैक्स करीब पांच करोड़ का नुकसान हुआ है।
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जिला प्रशासन ने चार दिन पहले ही कार शो रूम खोलने की अनुमति दी है। इस दौरान पहले से कार की बुकिंग कराने वाले यह वाहन ले रहे है। नए ग्राहक अभी पूछताछ करने तक सीमित है। एक सप्ताह में सभी कंपनियों की करीब पचास कारें विक्रय की गई। कार बाजार खुल जरूर गए है पर इसकी रफ्तार काफी धीमी है।टू व्हीलर शो रूम बंद
प्रदेश में संभवत: एकमात्र जिला है। जहां दो पहिया वाहनों के शो रूम को खोलने की अनुमति अब तक नहीं मिलीं है। राज्य दूसरे जिलों में लॉकडाउन के दौरान कार व टू व्हीलर शो रूम को एक साथ खोलने की अनुमति दी गई है। इसी जिले में अब तक बंद रखा गया है। सामान्य दिनों में हर माह करीब दो हजार बाइक्स की बिक्री हो रहीं थी।
बंद ऊपर से दाम बढ़े सीमेंट, सरिया के
लॉकडाउन से बंद की मार झेलने के बाद निर्माण सामग्रियों के विक्रय की छूट दी गई है। दुकानें खोलने की छूट के साथ ही सीमेंट और लोहे के दाम आसमान छू रहे है। सरकारी निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद पड़े है। शहर में करीब बीस करोड़ रुपए से अधिक के सरिया,सीमेंट की बिक्री का नुकसान होने का अनुमान है। लोह 58 से 65 हजार रुपए टन पहुंच गया है। वहीं लोहे की चादर 60 से 90 हजार रुपए टन हो गए। उत्पादन कम होने से इसकी आपूर्ति कम हो गई और दाम बढ़ गए । इसी प्रकार सीमेंट तीन सौ रुपए बोरी से पार हो गया है।
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रजिस्ट्री कराने कोई नहीं पहुंच रहे
जिला मुख्यालय के उपपंजीयन कार्यालय में इस सप्ताह किसी दिन दो तो किसी दिन तीन रजिस्ट्री हुई। इनमें से ज्यादातर मुख्तियारनामा के पंजीयन रहे है। पंजीयन विभाग की आय दो-तीन लाख रुपए तक सीमित हो गई है। दफ्तर खुल रहे पर जमीन की खरीदी-बिक्री कराने इक्के-दुक्के लोग पहुंच रहे है।
आवासीय व्यवसाय पूरी तरह ठप
बिलासपुर क्रेडाई अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने कहा, रियल एस्टेट कारोबार पूरी तरह ठप है। तैयार फ्लैट्स बिके नहीं। अधूरे फ्लैट्स पूरे नहीं हुए । नए फ्लैट्स के प्रस्ताव की मंजूरी नहीं मिलीं । इससे लॉकडाउन अवधि में कम से कम इस व्यवसाय से 80 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है।
शो रूम खुले पर कार बिक्री की रफ्तार धीमी
बिलासपुर कार डीलर्स एसोसिएशन के संरक्षक प्रमोद खेडिया ने कहा, फोर व्हीलर शो रूम सप्ताह पहले खोलने की अनुमति मिलीं। लेकिन लॉकडाउन अवधि में करीब इस सेक्टर में लगभग 40 करोड़ का नुकसान हो गया। इसमें शासन को जीएसटी व आरटीओ में करीब 23 करोड़ के आर्थिक क्षति का अनुमान है। एक सप्ताह मेंं सभी कंपनियों की करीब 50 कारें बिकी है। बाइक्स शो रूम को खोलने की अनुमति अब तक नहीं मिलीं है।
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सराफा में 10 करोड़ की क्षति, सीजन चला गया
बिलासपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू सलूजा ने कहा, सराफा कारोबार में लगभग दस करोड़ रुपए का लॉकडाउन से नुकसान हो गया। शादियों का सीजन समाप्त हो गया । अब अक्टूबर में ही बाजार के ऊपर उठने की आशा है।
लोहा, सीमेंट के दाम बढ़े, बिक्री नहीं
बिलासपुर सरिया कारोबारी इंद्रजीत सलूजा ने कहा, लोहा, सीमेंट बाजार सुस्त पड़ा है। सरकारी निर्माण कार्य पूरी तरह ठप है। इससे लोहा, सीमेंट की बिक्री नहीं के बराबर है। ऊपर से इन दोनों का उत्पादन कम होने से दाम बढ़ गए है। शहर में लॉकडाउन के दौरान करीब तीस करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।