बता दें कि स्कैम में फंसे सभी आरोपियों ने ईडी, एसीबी और ईओडब्ल्यू की एफआईआर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में एफआईआर खत्म करने की मांग की गई थी। बता दें कि कांग्रेस सरकार में अनवर ढेबर ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए अरुणपति त्रिपाठी को सीएसएमसीएल का एमडी नियुक्त कराया था। इसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। एसीबी और ईओडब्ल्यू ने ईडी द्वारा की गई जांच में मिले तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर एफआईआर की है।
CG Liquor Scam: हाईकोर्ट ने किया था फैसला सुरक्षित
शराब घोटाले को लेकर एसीबी और ईओडब्ल्यू ने अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, अनवर ढेबर, विधु गुप्ता, निरंजन दास और एपी त्रिपाठी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसी एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की थी। 10 जुलाई को सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था,जिस पर आज मंगलवार को फैसला आया और सभी याचिकाएं एक साथ खारिज कर दी गईं हैं।