नगर निगम सीमा क्षेत्र में शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण करने पर नगर निगम अधिकारी तत्काल तोड़फोड़ करने पहुंच जाते हैं। जो दो वक्त की रोटी के लिए नए रोजगार शुरू करते हैं, उन्हें सरकारी जमीन से बेदखल करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। नगर निगम अधिकारियों का मानना है कि एक व्यक्ति के अवैध निर्माण कर लेने के बाद वहां दूसरे भी कब्जा करने लगते हैं और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हो जाता है। इससे सरकारी जमीन का सदुपयोग नहीं हो पाता, लेकिन शहर में इन दुकानों के अलावा भी अवैध रूप से निर्माण करने वालों की लंबी फेहरिस्त है। इधर शहर में अवैध रूप से होर्डिंग्स लगाकर इसके संचालक व इनको सहारा दे रहे रसूखदार हर महीने लाखों रुपए कमा रहे हैं।
जोन स्तर पर कार्रवाई के नियम नगर निगम को 8 जोन में बांटने के साथ राज्य शासन ने यहां जोन कमिश्नरों की नियुक्ति की है। अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने का अधिकार जोन कमिश्नरों को है। नगर निगम में पिछले 4 साल से जोन कमिश्नर पदस्थ हैं, लेकिन आज तक किसी जोन कमिश्नर ने कार्रवाई नहीं की।
यहां खुलेआम अवैध होर्डिंग्स पर लगते हैं बैनर पोस्टर… अरपापारा एसईसीएल मुख्यालय के सामने रसूखदारों ने सड़क किनारे दो बड़े होर्डिंग्स लगा रखे हैं। इसके साथ ही गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी मोड़ पर तीन अवैध होर्डिंग्स लगाए गए हैं। ये अवैध होर्डिंग्स पिछले कई वर्षों से लगाए गए हैं। अभी तक इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।
यह है नियम नियम के तहत नगरीय निकाय क्षेत्रों की निजी संपत्ति पर होर्डिंग्स लगाने के लिए विधिवत अनुमति लेनी होती है। इसके बाद ही होर्डिंग्स लगाए जाते हैं। शासकीय भूमि पर सिर्फ सरकारी विभाग को ही होर्डिंग्स लगाने का अधिकार है, वह भी संबंधित निकाय से अनुमति मिलने के बाद। इसके अलावा शासकीय भूमि पर होर्डिंग्स लगाने का अधिकार निजी संस्था या व्यक्ति को देने का निगम में कोई प्रावधान नहीं है।
जल्द ही कार्रवाई की जाएगी सरकारी जमीन पर अवैध होर्डिंग्स की जानकारी मिली है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। – राजेन्द्र पात्रे, उपायुक्त, नगर निगम