रेलवे परिक्षेत्र ही नहीं शहर के सबसे पुराने बाजारों में शुमार बुधवारी बाजार का सब्जी मार्केट व कपड़ा मार्केट रेलवे प्रबंधन के गैर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का शिकार है। बुधवारी बाजार खरीदारी करने पहुंचने वालों को खराब सड़कों व गड्ढों में भरे पानी से गुजरना पड़ता है। यही नहीं, व्यापारी वर्ग भी लगातार शिकायत कर थक हार कर बदहाल व्यवस्था में ही अपना गुजर बसर करने को मजबूर हैं। बुधवारी बाजार स्थिति सब्जी मार्केट में सब्जी व्यापारियों को विकास व नाली पानी की व्यवस्था बनाने के सपने दिखा कर रेलवे ने जमीन का कर १० व २० रुपए से ५० रुपए कर दिया है, लेकिन बीस साल बाद भी नाली व पानी व बिजली की मूलभूत सुविधा तक उपलब्ध कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। शायद यही कारण है कि व्यापारी वर्ग रेलवे के खिलाफ हमेशा मोर्चा खुले हुए ही रहता है। दुकानदारों ने बताया कि अधिकारी आते हैं। रोजाना नए नियम बनाते हैं और जमीन का कर बढ़ा कर चले जाते हैं। वर्षों से यह हो रहा है। बुधवारी बाजार में व्यवस्था बनाने महाप्रबंधक से लेकर डीआरएम तक फरियाद करने के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधर रही है।