CG Assembly election 2023 : हालांकि पार्टी का कहना है कि लंबे समय से उनका स्वास्थ्य खराब था, जिसके चलते वे लगातार बाहर इलाज करा रही थीं। इसके वजह पार्टी ठीक से प्रचार-प्रसार नहीं कर पाई है। इधर आम आदमी पार्टी में चर्चा है कि कोटा में पैराशूट नेता को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है, लिहाजा वे भी यहां तैयारी में जोरों से जुटे हुए हैं। लोगों का मानना है कि अभी उन्हें काफी मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि कई गांवों तक पहुंचकर अपनी पकड़ बनानी होगी। वर्तमान स्थिति में बिलासपुर जिले से कोटा काफी हॉट सीट है, यहां से टिकट के लिए दावेदारों की लंबी फौज भी है। हलंाकि भाजपा ने प्रबल प्रताप को चुनावी मैदान में उतार दिया है, नजर अब कांग्रेस पर बनी हुई है।
जकांछ ने माना 5 साल में हुए पीछे
जकांछ के बड़े लीडरों से बातचीत की गई और सवाल किए गए कि 5 साल में पार्टी कहीं दिखी नहीं तो इसका जवाब देते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तबीयत ठीक नहीं थी। इसकी वजह से पार्टी को जिस तरह से मैदान में उतरना था वह नहीं उतर सकी। साथ ही माना कि पीछे हुए थे, लेकिन अब ताकत से लड़ रहे हैं। वहीं चुनाव के समय भाजपा और कांग्रेस के बीच को टक्कर देने की बात पर कहा कि क्षेत्रीय पार्टी को लोग पसंद कर रहे हैं। यहां की जनता को राष्ट्रीय पार्टी ने सिर्फ ठगने की बात ही कही है।
जकांछ के बड़े लीडरों से बातचीत की गई और सवाल किए गए कि 5 साल में पार्टी कहीं दिखी नहीं तो इसका जवाब देते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तबीयत ठीक नहीं थी। इसकी वजह से पार्टी को जिस तरह से मैदान में उतरना था वह नहीं उतर सकी। साथ ही माना कि पीछे हुए थे, लेकिन अब ताकत से लड़ रहे हैं। वहीं चुनाव के समय भाजपा और कांग्रेस के बीच को टक्कर देने की बात पर कहा कि क्षेत्रीय पार्टी को लोग पसंद कर रहे हैं। यहां की जनता को राष्ट्रीय पार्टी ने सिर्फ ठगने की बात ही कही है।
कार्यकर्ता निकाल रहे अपनी भड़ास
वर्तमान में कार्यकर्ता या टिकट के दावेदार भी अपनी भड़ास निकाल रहे हैं इसका अर्थ यह है कि जिनको टिकट की उम्मीद थी और उन्हें निराशा हाथ लगी तो तो जले-बुझे वाली स्थिति में हैं, लेकिन जिन दलों का टिकट अभी जारी नहीं हुआ है और दावेदार ने भी अब उम्मीद छोड़ दी है वो खूब भड़ास निकाल रहे हैं। आम आदमी पार्टी से लेकर भाजपा तक यह स्थिति फिलहाल दिखाई दे रही है। आने वाले समय में कांग्रेस में भी ऐसे मिल सकते हैं।
वर्तमान में कार्यकर्ता या टिकट के दावेदार भी अपनी भड़ास निकाल रहे हैं इसका अर्थ यह है कि जिनको टिकट की उम्मीद थी और उन्हें निराशा हाथ लगी तो तो जले-बुझे वाली स्थिति में हैं, लेकिन जिन दलों का टिकट अभी जारी नहीं हुआ है और दावेदार ने भी अब उम्मीद छोड़ दी है वो खूब भड़ास निकाल रहे हैं। आम आदमी पार्टी से लेकर भाजपा तक यह स्थिति फिलहाल दिखाई दे रही है। आने वाले समय में कांग्रेस में भी ऐसे मिल सकते हैं।