कार्यक्रम के दौरान संस्कृत (sanskrit) विषय को केवल कर्मकांड का विषय बना कर रख देने के सवाल पर उन्होंने बतलाया कि अंग्रेजों की कूटनीति के प्रभाव में आकर प्रथम प्रधानमंत्री ने कहा था कि संस्कृत इस ए डेड लैंग्वेज (sanskrit is a dead language) यानी संस्कृत मृत भाषा है। इस प्रकार स्वतंत्र भारत में संस्कृत और संस्कृति के प्रति अनास्था उत्पन्न कर दी गई। फलस्वरूप संस्कृत वाले केवल ज्योतिषी, वैद्य, कथावाचक, कर्मकांडी इत्यादि पांच जीविका तक ही सीमित रह गए जबकि अंग्रेजी भाषा वालों के लिए पचासों जीविका के स्रोत सुरक्षित रखे गए हैं। संस्कृत और संस्कृति जिसके जीवन में नहीं है वह असंस्कृत हो जाता है इसे समझने की आवश्यकता है।
नेताओं ने फूट डाला
श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा की चंद्र, सूर्य और अग्नि भगवान के तीन नेत्र हैं इसी प्रकार ज्ञान, वैराग्य और भक्ति तथा नाद, बिंदु और कला यह भी भगवान के तीन नेत्र हैं ज्ञानाग्नि का प्रतीक तीसरा नेत्र है। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में है भाई भाई के विषय पर उन्होंने कहा कि भाईचारा अपनत्व का द्योतक है नेताओं ने फूट डाली है। भावनात्मक दृष्टि से “भाई मेरे” का संबंध बनाया गया था, विकास के नाम पर कुल धर्म और जाति धर्म को विकृत करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा की चंद्र, सूर्य और अग्नि भगवान के तीन नेत्र हैं इसी प्रकार ज्ञान, वैराग्य और भक्ति तथा नाद, बिंदु और कला यह भी भगवान के तीन नेत्र हैं ज्ञानाग्नि का प्रतीक तीसरा नेत्र है। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में है भाई भाई के विषय पर उन्होंने कहा कि भाईचारा अपनत्व का द्योतक है नेताओं ने फूट डाली है। भावनात्मक दृष्टि से “भाई मेरे” का संबंध बनाया गया था, विकास के नाम पर कुल धर्म और जाति धर्म को विकृत करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।