उल्लेखनीय है कि महिला ने अपने पति के साथ रिश्ते में आए तनाव के मद्देनजर गर्भपात की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उसका कहना था कि (cg news) इस हालत में वह बच्चे को जन्म देना नहीं चाहती। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि गर्भपात की अनुमति सिर्फ इस आधार पर नहीं दी जा सकती के पति-पत्नी के बीच संबन्ध बिगड़ गए हैं।
यह भी पढ़ें
प्यार का झांसा देकर बलात्कार, धर्म बदलने पर ही शादी का प्रलोभन, इनकार पर मारपीट
यह है मामला 29 वर्षीय महिला की शादी साल 2022 में हुई थी। इस बीच महिला ने गर्भधारण किया,लेकिन कुछ समय के बाद पति-पत्नी के बीच रिश्ता बिगड़ने लगा। दोनों (cg high court) में झगड़े होने लगे। इस पर महिला ने गर्भपात कराने का फैसला कर लिया। महिला ने र्हाइाकोर्ट से गर्भपात की इजाजत के मद्देनजर याचिका दायर की थी। कोर्ट ने कहा महिला किसी यौन अपराध से गर्भवती नहीं High court’s big decision on abortion: अपने आदेश में जस्टिस पी. सैम कोशी की सिंगल बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता किसी यौन अपराध के चलते गर्भवती नहीं हुई हैं। वह एक शादीशुदा महिला हैं, जो यह (bilaspur news) भी दावा नहीं कर रही हैं कि उन्हें पति के अलावा किसी और व्यक्ति ने गर्भवती किया है।’अगर यह कोर्ट रिट याचिका में किए गए दावों के आधार पर गर्भपात कराने की मांग कर रहीं याचिकाओं पर विचार शुरू कर देगा, तो 1971 के इस एक्ट का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा।’