मामला फिर हाईकोर्ट आया तो कोर्ट ने वसूली पर रोक लगाकर राज्य शासन व शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। राज्य के सहायक शिक्षकों को सर्विस के 10 या 20 साल बाद भी प्रमोशन या क्रमोन्नत वेतनमान नहीं मिल पा रहा था। इस पर शिक्षकों ने पूर्व में हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की।
कोर्ट ने सहायक शिक्षकों को पात्र मानते हुए वेतनमान देने का आदेश दिया। जिसके बाद शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान दिया गया, पर कुछ माह बाद ही इसकी रिकवरी शुरू कर दी गई। शासन के रवैये के बाद 100 से ज्यादा शिक्षकों ने लगभग 15 अलग-अलग याचिकाओं के माध्यम से इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है
3 माह बढ़ा वेतन देने के बाद शुरू कर दी वसूली
गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक में पदस्थ सहायक शिक्षक हरिराम साहू सहित 14 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि 20 साल सर्विस के बाद भी क्रमोन्नति न मिलने पर पूर्व में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने शासन व विभाग को नियमानुसार लाभ देने का निर्देश दिया था।
कोर्ट के आदेशानुसार क्रमोन्नत वेतनमान देने का निर्देश विभाग ने 17 दिसंबर 2019 को जारी किया। 3 महीने वेतनमान देने के बाद मार्च में शासन ने वेतनमान पर रोक लगाकर दिए हुए वेतन की वसूली का आदेश जारी कर दिया।