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बिलासपुर

सकरी में रिहायशी क्षेत्र में कचरे का पहाड़, हाईकोर्ट ने कहा- कुछ तो करना पड़ेगा

#DumpingofGarbage : कोर्ट ने दो सप्ताह में मांगा शपथ पत्र, रिहायशी क्षेत्र में कचरा डंप पर सवाल

बिलासपुरJul 18, 2023 / 11:36 am

Aakash Dwivedi

सकरी में रिहायशी क्षेत्र में कचरे का पहाड़, हाईकोर्ट ने कहा- कुछ तो करना पड़ेगा

Chhattisgarh Hindi News : बिलासपुर. संकरी में कचरे का निष्पादन तेजी से होने के बजाय पहाड़ जैसा डंप हो चुका है। नगर निगम के इस प्लांट के करीब रहवासी क्षेत्र होने से मामला कोर्ट में गरमा गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए निगम प्रशासन को दो सप्ताह में नया शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
प्लांट के करीब रहने वाले लोग परेशान

Chhattisgarh Hindi News : संकरी कचरा मैनेजमेंट प्लाट के करीब 600 लोग रहते हैं, वहां से उठने वाली गंदगी से परेशान हैं। इस मसले पर हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई चल रही थी। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा तथा न्यायमूर्ति रजनी दुबे की युगल पीठ ने कहा कि कचरे के ढेर का कुछ तो करना पड़ेगा।
Chhattisgarh Hindi News : 2 सप्ताह में नया शपथ पत्र प्रस्तुत कीजिए। बता दें कि 2019 में निगम ने संकरी में कचरा डंप कराना शुरू कराया था, तब संकरी निवासी अधिवक्ता व्यासमुनि दिवेदी, तिहाऊराम सिन्हा, नेमीचंद धीवर, विजय साहू, कमलेश्वरी सिन्हा, संतोषी पप्पू बंजारे ने जनहित याचिका लगाई थी। उसी पर सुनवाई चल रही है। तब वेस्ट टू एनर्जी प्लांट चालू नहीं हुआ था।
Chhattisgarh Hindi News : याचिका में बताया गया था कि सॉल़िड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत कचरा डंप करने का प्रावधान नहीं है। संकरी में निगम को सिर्फ वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने की अनुमति मिली है, उसकी क्षमता इतनी नहीं है कि पूरे शहर के कचरे का निष्पादित हो सके।
यह है वर्तमान स्थिति

2019 से लेकर 2023 तक संकरी में कचरे का पहाड़ बन गया है। कचरे पर डोज़र चला कर उसे कॉम्पेक्ट किया जाता है। कचरे से निकलने वाले गंदे पानी से आसपास की जमीन का भूजल खराब हो चुका है। कई किलोमीटर तक हवा में बदबू रहती है। रहवासियों को हमेशा बदबू सहना पड़ता है, कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं, बच्चे बूढ़े सबसे जयादा प्रभावित हैं। इस क्षेत्र में बड़े बड़े बिल्डर्स कॉलोनियां बना रहे हैं।
क्या है शिकायत

त्योहारी सीजन में सड़कों पर लगने वाले पंडाल, स्वागत गेट और इस दौरान होने वाले ध्वनि एवं वायु प्रदूषण और इससे आम जनता को हो रहा स्वास्थ्य एवं मानसिक परेशानी के मुद्दे पर एनजीटी के आदेश का पालन नहीं किए जाने के कारण समिति ने एनजीटी समक्ष याचिका दायर कर रायपुर के कलेक्टर, एसपी, निगम आयुक्त और प्रबंध संचालक विद्युत वितरण कंपनी कंपनी पर एनजीटी एक्ट के प्रावधान अनुसार पेनाल्टी लगाने की मांग की
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2019 से लेकर 2023 तक संकरी में कचरे का पहाड़ बन गया है। कचरे पर डोज़र चला कर उसे कॉम्पेक्ट किया जाता है। कचरे से निकलने वाले गंदे पानी से आसपास की जमीन का भूजल खराब हो चुका है। कई किलोमीटर तक हवा में बदबू रहती है। रहवासियों को हमेशा बदबू सहना पड़ता है, कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं, बच्चे बूढ़े सबसे जयादा प्रभावित हैं। इस क्षेत्र में बड़े बड़े बिल्डर्स कॉलोनियां बना रहे हैं।
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ध्वनि प्रदूषण और सड़कों पर पंडाल लगाने को लेकर लगी एक याचिका में एनजीटी ने कलेक्टर को तलब किया है। छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2016 के आदेश का पालन नहीं किए जाने के विरुद्ध याचिका लगाई थी, जिस पर कलेक्टर द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया था।
सोमवार को एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच नयी दिल्ली ने वीडियो कांफ्रेंस पर सुनवाई की। एनजीटी पीठ के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा एक्सपर्ट मेम्बर डॉक्टर अफरोज अहमद की बेंच ने इस पर नाराज होकर नोटिस जारी की है।
एनजीटी ने कलेक्टर को एक मौका और देते हुए 8 अगस्त की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने को कहा है। गौरतलब है कि दो मई को हुई सुनवाई में एनजीटी ने कलेक्टर से 17 जुलाई तक याचिका में प्रस्तुत करने तथ्यों पर रिपोर्ट मांगी थी।
कोर्ट को बताई ताजा वस्तुस्थिति

सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट को कचरा डंप की ताजा वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया। जिस पर कोर्ट ने रहवासियों की तकलीफ को समझा।

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