Fraud News: पीड़ित की कहानी उन्हीं की जुबानी
क्रेडिट कार्ड के बढ़ते चलन व उपयोगिता को देखते हुए मैंने भी एसबीआई में अपने खाता के माध्यम से क्रेडिट कार्ड बनवा लिया। लेकिन हकीकत में उसकी उपयोगिता मेरे लिए न के बराबर थी। बेवजह उसका मेंटेनेंस चार्ज कट रहा था,लिहाजा मैं उसे बंद करने के लिए सोचा। गूगल में एसबीआई का टोल फ्री नंबर वाला हेल्प लाइन नंबर निकाला और कॉल किया। कॉल रिसीव करने वाले ने स्वयं को एसबीआई का कर्मचारी बताया और समस्या पूछी। इस पर उसे क्रेडिट कार्ड बंद करने की बात कही। उसने कहा कि लाइन पर रहें और जो भी प्रोसेस बता रहे हैं, उसे फॉलो करते चले। मैं तैयार हो गया। इस पर उसने सबसे पहले यूनो ऐप डाउन लोड करने कहा। इसके लिए एक लिंक शेयर किया। फिर ओटीपी बताया।
इस तरह मैं उसके बताए प्रोसेस को फॉलो करता रहा। देखते ही देखते खाते से 75 हजार रुपए कटने का मैसेज आया। मैं समझ गया कि मेरे साथ धोखेबाजी हो रही है। प्रोसेस को रोकाना चाहा, पर कुछ नहीं कर पा रहा था। इतने में फिर 25 हजार रुपए खाते से निकलने का मैसेज आया।
मैं तत्काल एसबीआई की शाखा गया। वहां पहुंचते ही फिर 25 हजार रुपए डेबिट का मैसेज आया। बैंक में तत्काल ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कराया, तब कहीं जाकर जमा पैसे निकलने बंद हुए।
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पीड़ित की सलाह मानिए: अनजान लिंक को टच नहीं करता
पीड़ित का कहना है कि इस घटना के बाद से मैं ऑनलाइन प्रोसेस के माध्यम से कुछ भी काम करने से घबरा जाता हूं। इससे संबंधी कोई भी काम करना हो तो बेहद सतर्कता से। खास कर गूगल से सर्च कर किसी भी लिंक को फॉलो नहीं करता।ये रखें सावधानी
Fraud News: बिलासपुर एसबीआई, रिटायर्ड सहायक महाप्रबंधक नरेंद्र मखीजा ने बताया कि इस मामले में साइबर ठग लिंक देकर मनचाहे प्रोसेस करा रहा था। भले ही पीड़ित अपने मोबाइल से सारी प्रक्रियाएं कर रहा था, पर ठग ऑनलाइन नजर बनाए हुए था और मौका पाते ही उनके खाते से जमा राशि उड़ा लिया। इस प्रकार की कोई ठगी न हो, इसके लिए हमें ये सावधानी बरती होगी। कभी भी किसी के साथ अपने खाते से संबंधित पासवर्ड, ओटीपी इत्यादि गोपनीय जानकारी शेयर ना करें। बैंक द्वारा अपने ग्राहकों से कभी भी ओटीपी, पासवर्ड जैसी जानकारी नहीं मांगी जाती, कोई मांग रहा तो समझ जाएं, कुछ तो गड़बड़ है।
कोई भी शंका होने पर बैंक शाखा में जाकर ही इस तरह की समस्या का निवारण करना उचित होता है। कभी भी अनजान नंबर पर कॉल करने से पहले, अनजान लिंक या क्यूआर कोड पर क्लिक करने से पहले उसकी प्रमाणिकता सुनिश्चित कर लें।
गूगल में बैंक सरकारी संस्थानों, विभिन्न विभागों इत्यादि के नंबर सर्च करने पर बहुत बार ठगों के नंबर भी प्रदर्शित होते हैं। अंतः गूगल पर इस प्रकार के नंबरों को सर्च करने से बचें।