कारण यह बताया जा रहा है कि 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में असाक्षर पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या लगभग दो से ढाई लाख है। इस कारण साक्षरता के लक्ष्य में महिलाओं का अनुपात ज्यादा रखा गया है। इसके लिए प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर की अध्यक्षता में दो समितियां गठित की गई है।
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केन्द्र एवं राज्य शासन की योजना पढऩा लिखना अभियान के तहत जिले को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने के उद्देश्य से जिले को वर्ष 2020-21 में 10 हजार असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य दिया गया है। योजना के तहत जिले के 15 वर्ष एवं इससे अधिक वर्ष के असाक्षरों का चिन्हांकन सर्वे के माध्यम से किया जाएगा। तत्पश्चात स्वयंसेवी अनुदेशकों के द्वारा इनको 4 माह के अवधि में 120 घंटों का शिक्षण दिया जाएगा ।
जिसमें शिक्षार्थी को पढऩे तथा किसी लिखित पढ़ाई को समझने के योग्य बनाया जाएगा । योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में किया जाएगा । शिक्षार्थी को बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन परीक्षा के आधार पर प्रत्येक सफल शिक्षार्थी को प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा ।
जिला स्तरीय समिति
कार्यक्रम के संचालन के लिए जिला स्तर पर जिला साक्षरता केन्द्र का गठन किया गया है। इस समिति में अध्यक्ष प्रभारी मंत्री,सदस्य- सांसद एवं जिले के सभी विधायक,जिला पंचायत अध्यक्ष होंगे । जिला कलेक्टर सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अध्यक्ष कलेक्टर बनाए गए है। प्राधिकरण के सचिव जिला शिक्षा अधिकारी होंगे।
10 हजार लोगों को साक्षर किया जाएगा
जिले में दस हजार महिलाओं और पुरुषों को साक्षर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए अनेक समितियां ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर पर गठित की जाएगी।
-जेके पाटले, डीपीओ,साक्षर भारत कार्यक्रम,बिलासपुर
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