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आसपास रहने वाले लोगों के लिए खाली पड़े यह प्लाट मुसीबत बन गए हैं, क्योंकि वह डेंगू जैसी बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। शिवम् विहार निवासी घनश्याम पैंकरा ने बताया कि सालों में भी इन इलाकों में नाली और सड़क नहीं बन पाई है, न ही कोई निकासी की व्यवस्था है जिसके चलते क्षेत्र भर का गन्दा पानी उनके घर के बगल में जमा हो जाता है।
बरसात के दिनों में जहां दुर्गन्ध की समस्या रहती है वहीं बरसात के बाद डेंगू मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी फैलने का भी खतरा बना रहता है। जगह-जगह प्लाटों में जमा पानी में तेजी से मच्छर बढ़ रहे हैं जिसके चलते डेंगू-मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी पैर पसारने लगी है।
हलके बारिश से भी इन प्लाटों में जलभराव हो जाता है। इसके बाद भी इन प्लाट मालिकों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं लगातार शिकायत के बाद भी प्लाट मालिकों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे खाली पड़े प्लाट के पास रहने वाले लोगो को अपने और अपने बच्चों की स्वास्थ्य की चिंता बनी हुई है।
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करोड़ों की लागत से तैयार तालाब की स्थिति बदहाल…
शहर के मध्य विद्यानगर स्थित डिपू पारा तालाब को वर्ष 2009-2010 में करीब 1 करोड़ रुपए खर्च कर सौन्दर्यीकरण किया गया था। लेकिन आज यह गंदे पानी का पोखर बनकर रह गया है। पूरे इलाके के गंदे पानी की निकासी इन तालाबों में की जा रही है। आसपास के लोगो का कहना है कि इससे शाम होते ही बदबू आनी शुरू हो जाती है। तालाब में नाली के पानी निकासी के चलते बीमारी का खतरा बना रहता है।