जिले में एसिम्प्टोमेटिक लक्षण वाले मरीजों की संख्या भी ज्यादा है। शासन से निर्देश मिलने के बाद इस योजना का लोग ज्यादा लाभ उठाने लगे सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज कराने के बजाय लोग होम आइसोलेशन की सुविधा अधिक लेने लगे। 17 दिन का होम क्वारंटीन पूरा करने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनको स्वस्थ होने का सर्टिफिकेट भी जारी करने का आदेश है जिसे लोग अपने कार्यालय में जमा करने के बाद ड्यूटी ज्वाइन भी कर सकते हैं।
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लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वस्थ मरीजों को सॢटफिकेट जारी नहीं किया जा रहा है। लोगों की शिकायत है कि सीएमएचओ कार्यालय जाने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं देते हैं कि सर्टिफिकेट कौन बनाएगा। इसकी शिकायत सीएमएचओ के अलावा वहां के अधिकारियों से की गई लेकिन लोगों को आज तक सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा रहा है। बताया जाता है सॢटफिकेट के लिए किसी नेता या अन्य रसूखदार से फोन करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार 6325 लोग होम क्वांरटीन में रह कर ठीक हो चुके हैं। इसमें से 5234 लोगो को सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी का कहना है कि सर्टिफिकेट नेताओं या फिर किसी रसूखदार के फोन आने पर ही दिया जा रहा है। नियमानुसार होम आइसोलेशन पीरियड खत्म होने के बाद इन्हें भी सर्टिफिकेट देना चाहिए पर स्वास्थ्य विभाग नहीं दे रहा है।