इस आदेश के बाद नगर निगम अधिकारियों ने ठेकेदारों को आदेश जारी कर काम समय पर पूरा करने कहा था, लेकिन आवास निर्माण करने वाले ठेकेदारों ने आवास निर्माण के लिए दिए जाने वाले भुगतान का शेड्यूल आफ रेट वर्ष 2015 का होने का हवाला देते हुए इसे बढ़ाने की मांग की थी। निगम अधिकारियों ने इनकार किया तो ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया और लागत बढ़ने के कारण निर्माण संभव नहीं होने का हवाला देते हुए कोर्ट की शरण में चले गए हैं। अब कोर्ट के आदेश के बाद ही आवासों का निर्माण शुरू हो पाएगा।
नगर निगम में आवासों की है यह स्थिति – निर्माण होने वाले आवास- 5852
– निर्माण हो चुके आवास- 2068
– प्रगतिरत आवास – 1508
– काम शुरू नहीं होने वाले आवास- 2276
दूसरे निकायों में निर्माण की रफ्तार धीमी बिलासपुर संभाग के अन्य नगरीय निकायों में भी निर्माण की रफ्तार धीमी है। कोरबा में करीब 2 हजार से अधिक आवासों का निर्माण अधूरा है। रायगढ़ में 1500 से अधिक आवास अधूरे हैं। जांजगीर नगर पालिका परिषद में पुराने आवासों को पूरा करने के लिए ठेकेदारों ने काम शुरू किया है।
वर्तमान में आवासों के निर्माण से संबंधित सारे काम बंद हैं। ठेकेदारों ने लागत बढ़ने और भुगतान नहीं होने पर काम बंद कर दिया है और कोर्ट चले गए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद ही काम शुरू हो पाएगा। – सुरेश बरूआ, नोडल अधिकारी, पीएमएवाई, नगर निगम