बता दें कि हाईकोर्ट ने भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के निर्वाचन को चुनौती देते दायर याचिका पर 20 जून को फैसला सुरक्षित कर दिया था। भाजपा उम्मीदवार प्रेमप्रकाश पांडेय ने चुनाव याचिका दायर कहा है कि यादव ने जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर नामांकन में अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है।
साथ ही आपराधिक प्रकरण का भी अपने शपथपत्र में उल्लेख नहीं किया। इसलिये उनका निर्वाचन निरस्त किया जाए। पांडेय ने अपनी चुनाव याचिका में कहा कि चुनाव आयोग से आपराधिक मामलों और संपत्ति की जानकारी छिपाना प्रावधानों का उल्लंघन है। यदि कोई उम्मीदवार इस तरह की (Congress MLA Devendra Yadav) जानकारी छिपाता है, तो उसका निर्वाचन अवैध हो जाता है। रायपुर और बिलासपुर कोर्ट ने देवेंद्र यादव को समन जारी किया था, जिसमें उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है। सुनवाई के दौरान यादव की ओर से उनके एडवोकेट ने आवेदन प्रस्तुत कर याचिका को चलने योग्य नहीं बताया था, इसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया।