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बिलासपुर

अपने ही दफ्तर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं करा पा रहा निगम, देखें वीडियो

अब निगम के अफसर हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक व्यवस्था सुधारने के लिए कार्ययोजना बनाने का दावा कर रहे हैं।

बिलासपुरNov 21, 2017 / 12:13 pm

Amil Shrivas

water tank
बिलासपुर . हाईकोर्ट के निर्देश पर शहरवासियों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए कार्ययोजना बनाने का दावा करने वाला निगम प्रशासन अपने ही दफ्तर परिसर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं कर पा रहा। अधिकारी-कर्मचारी व दफ्तर में आने वाले अन्य लोग उस टंकी का पानी पीते हैं, जो छत पर बिना ढक्कन के खुली पड़ी है। इसके आसपास भी गंदगी और काई जमी है। इससे तो खुद निगम कर्मियों पर जलजनित बीमारियों से ग्रसित होने का खतरा मंडरा रहा है। रायपुर में दूषित पेयजल के सेवन से एक महिला की मौत के बाद दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने रायपुर समेत प्रदेश भर के नगरीय निकायों की जलआपूर्ति व्यवस्था का जायजा लेने के लिए न्यायमित्र नियुक्त कर संबंधित निकायों के जल आपूर्ति व्यवस्था की रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा था। इस रिपोर्ट से पता चला कि बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र में भी लोगों को दूषित पेयजल मिल रहा है। कोर्ट ने रिपोर्ट दी गई सलाह के आधार पर जनहित में व्यवस्था सुधारने के लिए कहा। अब निगम के अफसर हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक व्यवस्था सुधारने के लिए कार्ययोजना बनाने का दावा कर रहे हैं। लेकिन निगम के दफ्तर में ही इस दावे की पोल खुल जाती है, जहां अधिकारी-कर्मचारियों को भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर की व्यवस्था का क्या हाल होगा।

कर्मचारी कर चुके हैं वॉटर एटीएम लगाने की मांग : निगम की टंकियों से निगम कार्यालय में दूषित पेयजल की आपूर्ति पर एेतराज जताते हुए निगम के कर्मचारी पूर्व में निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर परिसर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की मांग कर चुके हैं। कर्मचारियों ने विकास भवन कार्यालय में आरओ वाटर प्लांट लगाने का अनुरोध किया था। लेकिन इस पर निगम प्रशासन ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की।
पाइप लाइन ही नहीं, पूरा बोर नाले में : पत्रिका ने हाल ही में सरकंडा दैहानपारा की तस्वीर प्रकाशित कर निगम प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया था कि यहां नाले-नालियों में पाइप लाइन नहीं बल्कि पूरा का पूरा बोर ही नाले के बीच है।

सीधी बात-अजय श्रीवासन, उपयंत्री, जलकार्य विभाग
प्र.हाईकोर्ट ने शहर के उच्चजलागारों में जहां क्लोरीनेशन कराया जाता है वहां सीसीटीवी से निगरानी के निर्देश दिए हैं।
उ.निगम प्रशासन द्वारा इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है।
प्र.खुले शेड में पड़े क्लोरीन के कंटेनरों के लिए हाल का निर्माण नहीं हो सका।
उ.कक्ष के निर्माण के लिए टेंडर किया जा चुका है।
प्र.क्लोरीन सैंपल की जांच के लिए लैब टेक्नीशियन व पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था कब तक होगी।
उ.नियुक्ति का मामला शासन स्तर का है। इस निर्देश के परिपालन के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा जाना है।
प्र.निगम द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले पेयजल का (एनएबीएल) नेशनल लैब से रोजाना जांच करानी है।
उ.इस लेवल का लैब यहां नहीं है। इसके लिए रोजाना सैंपल रायपुर भेजना पड़ेगा। उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है।
प्र.शहर के कई स्थानों पर पेयजल की पाइप लाइनें नाले-नालियों के अंदर से होकर गुजरी हैं, इसे हटवाया नहीं गया।
उ.ज्यादातर पाइप लाइन घरों से निकलने वाले कनेक्शन के हैं। इसे मकान वालों को खुद दुरुस्त कराना चाहिए। लेकिन वे ध्यान नहीं देते, इसलिए निगम से इसके लिए टेंडर किया जा रहा है।

जल्द दुरुस्त करवाएंगे व्यवस्था : ये विकास भवन में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए संबंधित अफसर से जवाब तलब किया जाएगा। ये मेरी जानकारी में नहीं था, अब संज्ञान में आया है। व्यवस्था जल्द ही दुरुस्त करा ली जाएगी।
बीएल सुरक्षित, प्रभारी आयुक्त एवं अपर आयुक्त, नगर निगम

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