उल्लेखनीय है कि ईडी और ईओडब्ल्यू दोनों के ही मामले में शराब कारोबारी अनवर ढेबर आरोपी है और जेल में बंद है। ढेबर ने खुद की किडनी में समस्या बताते हुए जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसे साबित करने के लिए रायपुर के डीकेएस अस्पताल के एक डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट मेप्रस्तुत की। इस आधार पर हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका स्वीकार की थी।
गलत रिपोर्ट पर डॉक्टर की जा चुकी है नौकरी : रायपुर की जेल में बंद अनवर को जांच के लिए डीकेएस अस्पताल के गैस्ट्रो सर्जन डॉ. प्रवेश शुक्ला के पास लाया गया था। डॉ. शुक्ला ने ओपीडी पर्ची में डीकेएस में एंडोस्कोपी नहीं होती, लिख दिया था। इस बात की जानकारी अधीक्षक व अस्पताल प्रबंधन को हुई तो जांच की गई। 8 अगस्त 2024 को अस्पताल प्रबंधन ने आदेश जारी किया, डॉक्टर ने विचाराधीन बंदी को आपराधिक प्रवृत्ति से बचाने के लिए जानबूझकर ओपीडी पर्ची में इस तरह की टीप लिखी। इसलिए डॉक्टर को बर्खास्त किया गया।
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