बिलासपुर

न कोरोना काल, न पैसों की कमी फिर भी 1 साल में नहीं पूरे हुए 11 बड़े प्रोजेक्ट

– स्मार्ट सिटी के अधिकांश प्रोजेक्ट पर कछुआ चाल से चल रहा काम

बिलासपुरDec 17, 2021 / 03:25 pm

CG Desk

बिलासपुर. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कई बड़े निर्माण वर्ष 2021 में भी पूरे नहीं हो पाएंगे। नगर निगम सीमा क्षेत्र में चल रहे 11 बड़े प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें काम कछुआ चाल से हो रहा है। वर्तमान में न ही कोरोना काल है और न ही निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए पैसों की कमी है। काम की रफ्तार इसके बाद भी नहीं बढ़ी है। हालत तो यह हैं कि जिस प्रोजेक्ट को वर्ष 2021 में पूरा करने का अधिकारियो ने दावा किया था । बंधवापारा तालाब सौंदर्यिकरण से लेकर महाराणा प्रताप फ्लाई ओवर का निर्माण अब तक पूरा नहीं हुआ है। निर्माण को लेकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के निर्देशों का भी असर नहीं हो रहा है।

काम जो वर्ष 2021 में शुरू हुए
1. अरपा रिवर फ्रंट डेवलप्मेंट प्रोजेट- इंदिरा सेतु से वाल्मिकी चौक तक नदी के दोनों करीब 1 अरब रुपए की लागत से फोरलेन व सिक्सलेन सड़कें बनाने का काम वर्ष 2021 में शुरू हुआ। सिक्सलेन ( रिवर व्यू रोड की ओर ) और अरपापार फोरलेन सड़क बनाई जा रह है। सड़क की लंबाई 1.8 किलो मीटर और चौड़ाई 80 फूट तय की गई है। वर्तमान में सड़क बनाने के लिए बेस तैयार किया जा रहा है।

2. एसपी आफिस मल्टीलेवर पार्र्किंग – शहर में पार्र्किंग की समस्या को दूर करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पुलिस अधीक्षक कार्यालय, सिटी कोतवाली थाना और पुराना बस स्टैण्ड में मल्टी लेवल पार्किट की योजना बनाई गई है। योजना के तहत ठेकेदार को वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है,लेकिन काम कछुआ गति से चल रहा है।

3. नेहरू चौ-मंगला चौक स्मार्ट रोड – नेहरू चौक से मंगला चौक मार्ग और स्मार्ट रोड स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ने नेहरू चौक से मंगला चौक तक 1700 मीटर सड़क का चौड़ीकरण और सौंदर्यिकरण की योजना बनाई है। इस प्रोजेक्ट की लागत पौने 10 करोड़ रुपए है। सड़क चौड़ीकरण, डिवाइडर निर्माण, लाइटिंग, फुटपाथ, पाथवे, और लैण्ड स्केपिंग के काम शामिल हैं। निगम अधिकारियों ने इस काम को पूरा करने दो अलग-अलग ठेकेदारों को ठेका दिया है। दोनों ओर की सड़कों की चौड़ाई 8-8 मीटर तय की गई है।

काम जो अधूरे पड़े

1. महाराणा प्रताप फ्लाई ओवर लागत-महाराणा प्रताप चौक से तिफरा मुख्य मार्ग के बीच 65.77 करोड़ की लागत से 1620 मीटर लंबी , 12 मीटर चौड़ी फ्लाई का निर्माण 2 साल पहले शुरू हुआ था। तिफरा रेलवे क्रासिंग पर बनाए गए ओवर ब्रिज में लगने वाले जाम और लोगों को होने वाली परेशारियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट शुरू किया था। योजना पर काम समय पर पूरा नहीं होने पर डेढ़ का एक्टेंंशन पहले दिया जा चुका है। वर्तमान में 10 फीसदी काम शेष है।

2. साइंस कॉलेज मैदान एरिया- साइंस कॉलेज का जीर्णोद्वार कर खेल के लिए उपयुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने साढ़े 8 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। पिछले 3 साल से इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। काम पूरा नहीं होने पर एक बार राज्य सरकार ने एक्सटेंशन दिया है। निर्माण कार्य 5 फीसदी शेष है।

3. स्मार्ट रोड व्यापार विहार लंबाई- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत महाराणा प्रताप चौक से व्यापार विहार मुख्य मार्ग तक 1.6 किलो मीटर लंबी और 12 मीटर चौड़ी सड़क के निर्माण का काम 3 साल पहले शुरू हुआ था। प्रोजेक्ट की लागत 26 करोड़ रुपए है। वर्तमान में सड़क निर्माण का 5 फीसदी काम शेंष है।

4. प्लेनेटोरियम व्यापार विहार- व्यापार विहार में नगर निगम ने साढ़े 5 करोड़ की लागत से तारामंडल का निर्माण 2 साल पहले शुरू कराया था। इसके साथ तारामंडल पहुंच मार्ग का निर्माण भी शामिल है। तय समय पर काम पूरा नहीं होने पर राज्य शासन ने निर्माण की अवधि 1 बार बढ़ाई थी। वर्तमान में प्लेनेटोरियम का 5 फीसदी काम शेष है।

5. अमृत मिशन प्रोजेक्ट- खूंटाघाट बांध रतनपुर से शहर तक पानी लाने और ट्रीटमेट प्लांट में पानी को पीने योग्य बनाने के बाद शहर में सप्लाई करने के लिए राज्य शासन ने 201.14 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। योजना पर काम पिछले 4 सालों काम चल रहा है। प्रोजेक्ट के तहत 72 एमएलडी प्लांट का निर्माण और 100 करोड़ की लागत से 267 किलो मीटर पाइप लाइन बिछाने का काम जारी है। इस प्रोजेक्ट का काम 30 फीसदी बचा है।

6. आईटीएमएस ( इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम )- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के आईटीएमएस ( इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम ) प्रोजेक्ट के तहत 148 करोड़ की लागत से 27 चौक चौराहों का चयन किया गया है। योजना के तहत 282 स्मार्ट सीसीटीवी कैमरे चौक चौराहों पर लगाए जाने के प्रावधान हैं। प्रोजेक्ट के तहत चौक चौराहों से सभी आईलैण्ड हटाए जाने हैं, लेकिन अधिकांश चौक चौराहें से आईलैण्ड नहीं हटाए जा सके हैं।

7. इमलीपारा काम्प्लेक्स – पुराना बस स्टैण्ड से लगे इमलीपारा रोड पर 92 दुुकानों की शिफ्टिंग को लेकर पिछले 5 साल से नगर निगम जद्दोजहर कर रहा है। निगम अधिकारियों ने सड़क किनारे दुकानें बनाने और कभी काम्प्लेक्स बनाने की प्लानिंग करता रहा। अधिकारियों के साथ-साथ योजनाएं भी बदलती रहीं। निगम अधिकारियों ने 92 दुकानों को तोड़कर वहां काम्प्लेक्स बनाकर दुकानों को शिफ्ट करने की योजना बनाई है। 8.96 करोड़ के प्रोजेक्ट पर अब तक काम शुरू नहीं हुआ है।

8. बंधवापारा तालाब सौंदर्यिकरण – पीपीपी मॉडल पर नगर निगम ने हॉटल इशिका ग्रुप के साथ मिलकर 5 करोड़ की लागत से बंधवापारा तालाब के जीर्णोद्धार शुरू किया था। तालाब के बीच क्रूज रेस्टोरेंट,मैरिज लॉन,ओपन थियेटर,बुलेट टॉय ट्रेन,प्ले जोन, बोटिंग,योगा जोन और मॉर्निंग-ईवनिंग वॉक के लिए पाथवे बनाने का काम शुरू हुआ था। 1 जनवरी 2021 से तालाब शहर वासियों के लिए उपलब्ध कराने नगर निगम ने दावे किए थे ,लेकिन 3 साल पहले शुरू गए काम को नगर निगम अब तक पूरा नहीं कर पाया है।

अधिकांश प्रोजेक्ट पर काम चल रहे हैं। पूर्व में मिट्टी तेल गली स्मार्ट रोड, सेन्ट्रल लाइब्रेरी और अन्य प्रोजेक्ट पूरे किए जा चुके हैं। काम 2023 तक पूरे होने की डेड लाइन हैं। समय पर काम किए जा रहे हैं। जिन प्रोजेक्टों को शुरू करना है उसपर कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
पीके पंचायती
– प्रबंधक , स्मार्ट सिटी लिमिटेड

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