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बिलासपुर

CGPSC 2023 के अभ्यर्थियों को बड़ा झटका, प्रीलिम्स के पुनर्मूल्यांकन की याचिका HC ने की खारिज, जानिए क्या कहा ?

High Court: मुख्य परीक्षा के लिए चयनित न होने के कारण 40 परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि कुछ प्रश्नों को हटाने के कारण उन्हें नुकसान हुआ।

बिलासपुरOct 03, 2024 / 11:24 am

Khyati Parihar

CG High Court, BILASPUR DISTRICT COURT
CGPSC 2023: पीएससी 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों के पुनर्मुल्यांकन की मांग करते हुए लगाई गई 40 याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। पीएससी 2023 के नतीजे घोषित होने के बाद परीक्षार्थियों ने पांच सवालों को लेकर पीएससी के निर्णय को गलत बताते हुए याचिका लगाई थी।
सिंगल बेंच ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि सहानुभूति पुनर्मुल्यांकन के निर्देश देने का आधार नहीं हो सकता। परीक्षार्थी परीक्षा की तैयारी के लिए जितनी मेहनत करते हैं उतनी ही मेहनत अधिकारी भी परीक्षा आयोजित करने के लिए करते हैं। पीएससी ने राज्य सिविल सेवा के पदों पर भर्ती के लिए 29 नवंबर 2023 को विज्ञापन जारी किए थे। इसके बाद 11 फरवरी 2024 को दो पालियों में प्रारंभिक परीक्षा ली गई।
परीक्षा के बाद मॉडल आंसर जारी किए गए थे। दावा आपत्ति के बाद पीएससी ने संशोधित मॉडल आंसर जारी किए और इस आधार पर प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए। मुख्य परीक्षा के लिए चयनित नहीं हो पाए 40 परीक्षार्थियों ने पांच सवालों को लेकर पीएससी के उत्तर को गलत बताते हुए (CGPSC 2023) हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
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अधिकारी भी परीक्षार्थी जितनी ही करते हैं मेहनत: HC

सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि सहानुभूति के आधार पर पुनर्मूल्यांकन के निर्देश नहीं दिए जा सकते। अदालत ने यह भी कहा कि परीक्षार्थी अपनी तैयारी में कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारी भी उतनी ही मेहनत करते हैं।

CGPSC 2023: प्रारंभिक परीक्षा दो पालियों में की गई थी आयोजित

आपको बता दें कि CGPSC 2023 ने राज्य सिविल सेवा के पदों के लिए विज्ञापन 29 नवंबर 2023 को जारी किया था। इसके बाद 11 फरवरी 2024 को प्रारंभिक परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई, जिसके बाद मॉडल आंसर जारी किए गए। दावा और आपत्तियों के बाद संशोधित मॉडल आंसर जारी किए गए, जिसके बाद परिणाम घोषित हुआ।

कुछ प्रश्न हटाने से याचिकाकर्ताओं को नुकसान का तर्क

याचिका के अनुसार संशोधित मॉडल आंसर जारी करने के बाद कुछ प्रश्नों को हटा दिया गया था। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यदि उन प्रश्नों को नहीं हटाया जाता तो वे मुख्य परीक्षा से वंचित नहीं होते। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा कि किसी विशेष प्रश्न को हटाने से अनुपातिक अंक दिए गए हैं, लेकिन यह (CGPSC 2023) उस अभ्यर्थी को दिया जाता है जिसने उक्त प्रश्न हल करने का प्रयास ही नहीं किया या जिसने उक्त प्रश्न का गलत उत्तर दिया है। यह अनुचित हैं। पांच आंसरों पर आपत्ति जताते हुए याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में पुनर्मूल्यांकन के निर्देश देने की मांग की थी।

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