बिलासपुर रोलर स्पोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष नीलेश माडे़ेवार का कहना है कि शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी अब इस स्पोर्ट्स से जुड़ रहे हैं। लेकिन नेशनल्स स्टैंडर्ड के ट्रैक नहीं होने के चलते बच्चों की ट्रेनिंग प्रभावित होती है। खिलाड़ियों के बेहतर ट्रेनिंग के लिए नेशनल्स स्टैण्डर्ड के ट्रैक की जरूरत है। ताकि बच्चे इस स्पोर्ट को बतौर कॅरियर ऑप्शन भी देख सकें।
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सुविधाओं के अभाव में भी जीत रहे पदक
कोच ए. फ्रेंक्लिन बताते हैं कि यहां के रोलर स्केटिंग के खिलाड़ियों के लिए प्रॉपर ट्रैक की कोई व्यवस्था नहीं है। बच्चे पार्किंग लॉट और सुबह-सुबह सड़कों पर प्रैक्टिस कर नेशनल्स में गोल्ड मेडल जीत रहे हैं। केवल एक ग्राउंड रेलवे में है, वह भी काफी छोटा है। अगर हम इन बच्चों को ओलंपिक्स में खेलता हुआ देखना चाहते हैं तो हमें उनके लिए उस लेवल के स्केटिंग ट्रैक की जरूरत है।
CG Sports News: स्केटिंग में बिलासपुर के खिलाड़ियों की रही है धाक
बिलासपुर के पुनीत माड़ेवार, निदान माड़ेवार, श्रिया सरकार, बिनोय, प्रांजल, साहिल यादव, सीखा चावला और अविरल गुप्ता आदि अब तक रोलर स्पोर्ट्स के नेशनल प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत सहित कांस्य पदक जीत चुके हैं। सभी खिलाड़ियों ने रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में एक बार फिर से पदक जीतने की उम्मीद जताई है।
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बीते सालों में रोलर स्केटिंग स्पोर्ट्स युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हुई है। बिलासपुर रोलर स्पोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नीलेश माड़ेवार बताते हैं कि मौजूदा समय में बिलासपुर के 500 से अधिक बच्चे इस खेल से जुड़ चुके हैं। हर साल राज्य भर से सैकड़ों बच्चे इस खेल से जुड़ रहे हैं। रोलर स्केटिंग के खेल के नेशनल टूर्नामेंट में हर साल शहर के दर्जनों बच्चे गोल्डमेडल जीत रहे हैं। बिलासपुर के रोलर स्केटिंग के खिलाड़ी मुख्यत: इन-लाइन और क्वाड इन दो इवेंट की तैयारी कर रहे हैं।