Chhattisgarh News: जिन बच्चों की मौत हुई, उनकी आनन-फानन में अंत्येष्टि करने से पहले पोस्टमार्टम कराया जाना था, जिससे मौत की वास्तविकता का पता चल सके। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कोटा क्षेत्र में शिशुरोग विशेषज्ञ का ना होना भी गलत हैं। संदिग्ध दवा के बैच के उपयोग पर भी रोक लगनी चाहिए। साथ ही मामले में विस्तृत जांच होनी चाहिए। उन्होंने कोरोना काल में हुए टीकाकरण पर संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि उसे टीकाकरण से बड़ी इयूनिटी की वजह से आज मौसमी बीमारी के चपेट में कम लोग आ रहे हैं।
CG News: कांग्रेस ने गठित की 6 सदस्यीय जांच कमेटी
मामले में
प्रदेश कांग्रेस ने 6 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। इसका संयोजक कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव को बनाया गया है। कमेटी में मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय, जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी, महिला अध्यक्ष सीमा घृतेश और कोटा ब्लॉक अध्यक्ष आदित्य दीक्षित को शामिल कर जल्द रिपोर्ट देने कहा गया है।
Bilaspur News: टीका सुरक्षित: कोई शिकायत नहीं मिली
सीएमएचओ डॉ. प्रभात श्रीवास्तव का दावा है कि बच्चों की मौत टीका से नहीं हुई। जिले में उस बैच के बीसीजी के 5000 डोज हैं। इसमें से 3000 डोज अभी तक लगाया गया है। (
Bilaspur News ) पेंटावेलेंट के 10000 में से 6000 डोज लगाया गया है। जिसमें से कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई। संवंधित कार्यकर्ता द्वारा उस दिन एवं पहले लगाए गए टीके से किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं है।
परिजनों ने पोस्टमार्टम से किया था इनकार, वैक्सीन की सप्लाई रोकी
मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने दावा किया है कि जांच होने तक वैक्सीन की सप्लाई रोक दी गई है। 8 बच्चों को उम्र अनुसार टीका लगाया गया। शुक्रवार को अस्पताल आने के पूर्व ही 2 दिन के बच्चे की
मृत्यु हो गई। शनिवार को 2 माह के एक और बच्चों की अस्पताल पहुंचने से पहले मृत्यु हो गई।
उसी ग्राम के 6 और बच्चों को निरीक्षण के लिए जिला अस्पताल में रखा गया है। सभी बच्चे स्वस्थ हैं । रविवार को एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग के जिला अधिकारियों का टीम द्वारा संयुक्त भ्रमण करके पीड़ित परिवार से संपर्क किया गया। परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम करवाने से मना किया गया। इसलिए बच्चों का पीएम नहीं किया गया।