बिलासपुर

श्रमिक कार्ड बनवाने वाले शीर्ष 5 राज्यों में छत्तीसगढ़, लॉकडाउन के बाद बढ़े पंजीयन

0 श्रमिक कार्ड में बढ़ा पंजीयन, जागरूकता के फैलाव की और जरूरत, पेंशन, बीमा, मासिक पेंशन आदि से बढ़ा रुझान
 

बिलासपुरJan 10, 2022 / 08:00 pm

Barun Shrivastava

श्रमिक कार्ड बनवाने वाले शीर्ष 5 राज्यों में छत्तीसगढ़, लॉकडाउन के बाद बढ़े पंजीयन

बरुण सखाजी. बिलासपुर
26 अगस्त को शुरू की गई ई-श्रमिक कार्ड योजना में जुड़ने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ 5वें नंबर पर है। इस योजना में राज्य के 21013 श्रमिकों को कार्ड जारी किए गए हैं। सूची में हरियाणा सबसे ऊपर है, जहां 820095 श्रमिक कार्ड बनवाए गए हैं। यूपी, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा पलायन वाले राज्य हैं। यहां के मजदूर देशभर में विभिन्न जगहों पर काम के सिलसिले में जाते हैं। देश में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की संख्या 38 करोड़ के लगभग है। यानि कि कुल पंजीकृत श्रमिकों का 88 फीसद। ऐसे में 2020 में लगे लॉकडाउन में बड़ी संख्या में मजदूरों के सड़कों पर निकलने से हालात बेकाबू हो गए थे। इस दौरान केंद्र व राज्यों के पास मुकम्मल तौर पर अपने मजदूरों के आंकड़े नहीं थे। इसका नतीजा यह हुआ कि अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मजदूरों को मदद पहुंचाने के सारे सरकारी रास्ते बंद जैसे थे। लेकिन अच्छी बात ये है कि 2020 के इस लॉकडाउन के बाद श्रमिकों में श्रमकार्ड को लेकर जरूरत बढ़ी है।
छत्तीसगढ़ में 2019 में महज डेढ़ लाख कार्ड थे

साल 2019 के दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किए जाने वाले श्रमिक कार्डों की संख्या 1 लाख 65 हजार 805 थी। जबकि मार्च-अप्रैल 2020 के ल़ॉकडाउन के बाद इनकी संख्या में एकदम से इजाफा हुआ। दिसंबर 2020 आते-आते करीब 50 हजार श्रमिकों ने और अपना पंजीयन करवाया। इस डाटा के हिसाब से दिसंबर 2020 तक छत्तीसगढ़ में 208000 मजदूरों ने श्रमिक कार्ड बनवाए। यह जंप कोरोना के दौरान हुई मजदूर त्रासदी के कारण देखी गई।
38 करोड़ श्रमिक, साढ़े 3 करोड़ ही कार्ड इश्यू

केंद्रीय श्रम मंत्रालय के मुताबिक देश में असगंठित मजदूरों की संख्या 38 करोड़ तक है। जबकि अभी श्रमिक कार्ड बनवाने वालों की संख्या सिर्फ साढ़े 3 करोड़ के लगभग है। यह महज 10 फीसद तक ही बैठती है।
ई-श्रमिक कार्ड ने किया आसान

26 अगस्त 2021 को शुरू किए गए ईश्रमिक कार्ड का भी श्रमिकों को फायदा मिला। इससे यह आसानी से उपलब्ध होने लगा। इसे आधार से लिंक किया जाता है, जिससे श्रमिक को विभिन्न तरह की योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई न हो।
स्कीमों ने बढ़ाए पंजीयन

श्रमिक कार्ड में पंजीयन की संख्या राज्य व केंद्रीय श्रम विभागों की योजनाओं के कारण भी बढ़ी है। छत्तीसढ़ में ही एक दर्जन से अधिक ऐसी योजनाएं हैं जिनमें श्रमिकों को तात्कालिक मदद दी जाती हैं। इनमें प्रमुख रूप से सफाई कर्मकार आवश्यक उपकरण योजना, मुख्यमंत्री असंगठित कर्मकार सिलाई सहायता योजना, मुख्यमंत्री असंगठित कर्मकार समाचार पत्र हॉकर साइकल योजना आदि हैं। इनमें 5 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक की सहायता का प्रावधान है। ऐसे केंद्र की योजनाओं में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 2 लाख रुपए तक की मदद, आंशिक दुर्घटना में 1 लाख रुपए तक की मदद जैसी योजनाएं शामिल हैं।
14434 पर कॉल कर मांग सकते हैं मदद

श्रमिक कार्ड बनवाने या अन्य सहायता के लिए एक टोलफ्री नंबर भी जारी किया गया है। 14434 पर कॉल करके सारी जानकारी ली जा सकती है।
वर्जन

श्रमिक कार्ड को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न गतिविधियां की जाती हैं। योजनाओं के माध्यम से भी श्रमिकों को पंजीयन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

– शिव डहरिया, श्रम मंत्री, छत्तीसगढ़

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