यह भी पढें : Vegetables Price Hike : प्याज का बढ़ा भाव तो ये सब्जियां हुई सस्ती, फटाफट चेक करें बाजार का ताजा रेट कोटा ब्लॉक मलेरिया से अधिक प्रभावित अगर बात मलेरिया की हो तो छत्तीसगढ़ को तीन हिस्सों में बांटा गया है ।अधिक मलेरिया संक्रमण वाले क्षेत्र, मॉडरेट केसेस वाले एरिया और जीरो मलेरिया संक्रमित क्षेत्र। बिलासपुर जिले को जीरो मलेरिया संक्रमण वाले केटेगरी में रखा गया है। पिछले साल 40 मलेरिया के केस डिटेक्ट किए गए थे उनमसे से ज्यादातर मरीज कोटा ब्लॉक से थे। इससे बचाव के लिए कोटा ब्लॉक में 33 हजार 353 मेडिकेटेड मच्छरदानी बाटे जाने हैं।
यह भी पढें : चौपाटी में आलू गुंडे, समोसे, कचौड़ियां खाने के शौक़ीन है तो रहे सावधान, स्वाद के साथ मिल रहा जहर! वहीं जनवरी 2023 से मार्च 31 तक केवल 5 मलेरिया के मरीज देखने को मिले हैं। जबकि पिछले 4 सालों में मलेरिया से होने वाली मौत की संख्या शून्य है। उन्होंने बताया कि 2022 में मलेरिया रोकथाम के लिए जिले में रैंडम संपेल्स इक्कठा किए गए थे। जिसमें मलेरिया पॉजिटिव मरीजों की संख्या शून्य थी। प्रथम चरण में रैंडम जगहों से करीब 8 हजार संपेल्स इकट्ठा किए गए थे। मौजूदा समय में बिलासपुर के कोटा ब्लॉक में ही मलेरिया के केस देखने को मिलते हैं। वहीं अगर डेंगू की बात की जाए तो सीएचएमओ राजेश शुक्ला ने बताया कि अभी तक डेंगू के एक भी मामले रिपोर्ट नहीं हुए हैं।
मच्छर से फैलने वाली बीमारियों के रोकथाम और इससे बचाव के तरीकों के प्रचार प्रसार के लिए हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस के रूप में मनाया जाता है। मच्छर से फैलने वाली बीमारिया ंबेहद ही गंभीर और खतरनाक साबित हो सकती हैं।
हर साल विश्व मच्छर दिवस के अवसर पर जिला मलेरिया विभाग जागरुकता कार्यक्रम चलता है। जिसके तहत लोगों को अपने घर के आसपास मच्छर पनपने से रोकने के तरीके और उनसे बचाव के तरीको के बारे में बताया जाता है।
लोगों को मच्छर से फैलने वाली बीमारियों के बारे में लगातार जागरूक करने का काम किया जा रहा है। पैरासाइट लोड के हिसाब से अधिक प्रभावित क्षेत्रों में मच्छर दानी का भी वितरण किया जाता है। लोगों को अपने घर के आसपास जल जमाव से बचने की सलाह दी जा रही।
राजेश शुक्ला, सीएमएचओ, बिलासपुर