पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम लगरा निवासी छतलाल केवट 30 वर्ष मजदूरी करता था। सोमवार को सुबह उसके पड़ोसी जितेंद्र केवट, धर्मेंद्र केवट व हेमंत केवट ने उसे घेर कर टंगिया और लाठी से जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले से छतलाल के सिर और गले में गंभीर चोट के कारण मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या को अंजाम देने के बाद तीनों हमलावर मौके से फरार हो गए। इधर हत्या की सूचना पर पहुंची सरकंडा पुलिस ने गांववालों से पूछताछ की तो पता चला कि पड़ोस में ही रहने वाले धर्मेंद्र और उसके भाइयों से छतराम का विवाद चल रहा था। आशंका है, इसी वजह तीनों भाइयों ने इस वारदात को अंजाम दिया होगा। इस पर पुलिस की टीम ने गांव में घेराबंदी कर हेमंत और धर्मेंद्र को पकड़ लिया, जबकि जितेंद्र केवट पुलिस को चकमा देकर भाग गया।
मां को टोनही कहकर करते थे प्रताड़ित
आरोपियों ने बताया कि छतराम और उसके परिवार के लोग पहले उनके पिता तिलक की हत्या कर दी थी। इसके बाद वे उनकी मां को टोनही कहकर प्रताड़ित करते थे। इसके चलते मोहल्ले वाले भी उनसे दूरी बनाने लगे थे। इसी बात को लेकर धर्मेंद्र और उसके भाइयों ने छतलाल की
हत्या करने की योजना बना ली थी। सोमवार को मौका मिलते ही उसे मौत के घाट उतार दिया है।
Bilaspur Murder Case: आरोपियों के पिता की हत्या मामले में 8 साल की हुई थी जेल
दोनों आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि छतराम और उसके पिता संतोष केवट ने जमीन विवाद को लेकर 10 साल पहले धर्मेंद्र के पिता तिलकराम केवट की हत्या कर दी थी। इस मामले में दोनों को पुलिस ने जेल भी भेजा था। करीब आठ साल जेल में रहने के बाद दोनों छूट कर बाहर आ गए। संतोष पुणे में रह कर मजदूरी करता है। छतराम गांव में ही रह कर मजदूरी कर रहा था। इस बीच
पिता की हत्या का बदला लेने के लिए तीनों भाइयों ने छतराम की हत्या की है। पुलिस तीसरे आरोपी की तलाश में जुटी है।