चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने गुरुवार को स्व संज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान एक घटना का भी उल्लेख किया, जिसमें एक व्यक्ति ने तेज आवाज में डीजे नहीं बजाने का अनुरोध किया तो उसकी बात नहीं मानी गई। इससे क्षुब्ध होकर उसने घर जाकर आत्महत्या ही कर ली। बहस के दौरान जब महाधिवक्ता ने कहा कि,समिति के सदस्य ने मृतक को जो धमकी दी थी, उससे वह आहत था। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि कोई भी धमकी दे, कानून से बड़ा कोई नहीं है। जितनी आवाज में स्पीकर्स और साउंड बॉक्स को बजाने अनुमति है, उतनी ही आवाज में डीजे बजाने का प्रबंध करें।
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