राजनादगांव के डीईओ द्वारा छात्राओं से दुर्व्यवहार और जेल भेजने की धमकी मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में नियुक्ति की जानकारी मांगी थी। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि लगभग 267 स्कूल
प्रदेश में ऐसे हैं, जहां शिक्षकों की कमी है। इनमें से 60 स्कूलों में स्थानीय स्तर पर शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। दूरस्थ अंचल के 55 स्कूलों में अन्य स्कूलों से शिक्षकों का समायोजन किया गया है। बाकी स्कूलों में भी नियुक्ति प्रक्रिया की जा रही है। इस पर कोर्ट ने स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति कब तक हो जाएगी, यह बताने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि राजनांदगांव जिले की छात्राएं स्कूल में शिक्षक नहीं होने पर नियुक्ति की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात करने गई थी।
छात्राओं का कहना था कि बिना शिक्षक के 11 वीं पास कर लेंगे किन्तु 12 वीं की परीक्षा कैसे फाइट करेंगे। छात्राओं की इस जायज मांग पर जिला शिक्षा अधिकारी ने छात्राओं से दुर्व्यवहार करते हुए कहा कि जिंदगी भर जेल में रहोगे तो समझ में आएगा। डीईओ के इस व्यवहार को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने प्रमुखता प्रकाशित किया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। कोर्ट ने मामले में स्कूल शिक्षा सचिव, संचालक स्कूल शिक्षा, कलेक्टर राजनांदगांव एवं डीईओ राजनांदगांव को जवाब देने को कहा था।