चीफ जस्टिस ने शिकायतकर्ता के वकील पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आपके क्लाइंट को पता नहीं है क्या कि नौकरी या किसी और काम के लिए नगद रकम देना भी अपराध है। नौकरी ऐसे ही मिल जाती है क्या? नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ भी नौकरी के नाम पर रकम देने के आरोप में अपराध दर्ज कराया जाए क्या?
यह है मामला
जयरामनगर निवासी सविता साहू व अन्य ने यूएसए में रह रहे आकाश कौशिक के खिलाफ नौकरी दिलाने के नाम पर 17 लाख रुपए लेने की शिकायत करते हुए थाने में अपराध दर्ज कराया है। आकाश कौशिक की बड़ी बहन के खिलाफ भी नौकरी के नाम पर नकद लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत की गई। जांच पड़ताल के बीच ही सड़क दुर्घटना में आरोपी की दीदी का 2017 में निधन हो गया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने यूएसए में रहकर नौकरी कर रहे आकाश कौशिक व उसकी बहन को फर्जीवाड़ा में शामिल करते हुए पुलिस में दोबारा शिकायत दर्ज कराई।
आरोपी को मिली कोर्ट से राहत
यूएसए में रह रहे आकाश कौशिक ने पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने और कार्रवाई पर रोक की मांग को लेकर याचिका दायर की है। डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए पुलिस कार्रवाई पर रोक लगा दी है। डिवीजन बेंच ने शिकायतकर्ताओं को रि ज्वाइंडर प्रस्तुत करने का समय दिया है।
लगातार एडवाइजरी जारी करने का भी असर नहीं
मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की नाराजगी इस बात को लेकर सामने आई कि लगातार समझाइश और एडवाइजरी जारी करने के बाद भी लोग झांसे में आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल बीपी वर्मा ने एडवाइजरी जारी कर फर्जीवाड़ा करने वालों से सावधान रहने को कहा है। जारी आदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वालों से सावधान किया है। आरजी ने यह भी कहा है कि नौकरी के नाम पर रिश्वत देना भी अपराध है। ऐसे लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।