यह नजारा देख डरे-सहमें प्रत्यक्षदर्शियों में भगदड़ मच गई। इसी बीच लोगों ने इसकी जानकारी तोरवा पुलिस व फायर ब्रिगेड को दी। इस पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और दोनों ओर से रोड को ब्लॉक कर सुरक्षाबतौर लोगों की आवाजाही रोक दी। इधर दमकल की टीम को आने में करीब आधा घंटा लग गया। शुरू में एक ही दमकल का वाहन आया, लेकिन भीषण आग को देख एक-एक कर 7 और बुला लिए गए। आग बुझाने का काम शुरू हुआ। लेकिन बेकाबू आग बुझ ही नहीं रही थी।
गोदाम के आगे-पीछे से आग बुझाने फायर ब्रिगेड जुटी, इस पर भी जब अंदर की आग नहीं बुझ रही थी तो जेसीबी का सहारा लेकर पीछे की दीवार तोड़ी गई, ताकि आग में पानी पहुंच सके। इस तरह काफी मशक्कत के बाद करीब ढाई घंटे बाद आग बुझ पाई, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। इस मामले को लेकर दुकान संचालकों सोनू सतलेचा व संदीप सतलेचा का कहना है कि गोदाम का उन्होंने लाइसेंस ले रखा है। ऐसे में अब यह प्रश्न उठता है कि इस रिहायसी इलाके में कैसे लाइसेंस जारी किया जा सकता है। बहरहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।
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गोदाम से लगे घरों को कराया गया खाली
रिहायसी इलाके में मौजूद इस गोदाम के कई घर व एक्सिस बैंक की शाखा भी हैं। यहां आग न फैलने पाए इसका ध्यान रखते हुए पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम विशेष रूप से जुटी रही। एहतियातन इस घरों को खाली करा लिया गया, ताकि वे सुरक्षित रहें। इधर अपने-अपने घरों से डरे-सहमें बाहर निकले लोग भगवान से यही विनती करते रहे कि इस आग में उसका घर सलामत रहे।Bilaspur Fire News: फरवरी माह में सरजू बगीचा में एक पटाखा दुकान की गई थी सील
इसी साल फरवरी माह में सरजू बगीचा जैसी घनी बस्ती में एक पटाखा दुकान होने की शिकायत कलेक्टर अवनीश शरण को मिली थी। इस पर उन्होंने जांच टीम गठित कर कार्रवाई के लिए भेजा था। यहां लाइसेंसधारी सुनील कुमार तोलानी के पटाखा दुकान की जांच की गई। दुकान का लाइसेंस, स्थल, भंडारण, क्रमय-विक्रय की जांच की गई। इस दौरान तोलानी की पटाखा दुकान में 1500 किलोग्राम से अधिक के पटाखे मिले थे। इस पर दुकान को सील कर दिया गया था।शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका
गोदाम में आग कैसे लगी इसकी पुता जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। आशंका यह जताई जा रही है कि इस घटना के पीछे शार्ट सर्किट मुय वजह हो सकती है। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।तोरवा क्षेत्र के रहवासियों का आरोप-कई बार की गई शिकायत, फिर भी हो रही है अनदेखी
तोरवा क्षेत्र के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां पटाखा दुकान-गोदाम होने की वजह से लगातार खतरा बना हुआ है। इसकी शिकायत कई बार पुलिस व जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारियों से की गई, फिर भी अनदेखी होती रही। इसी का खामियाजा देखने को मिल रहा है।शहर में स्थायी दुकानें, लाइसेेंस किनका, जिमेदार अफसरों को पता नहीं…
शहर के ज्यादातर रिहायसी इलाकों में पटाखा दुकानें हैं। जहां ये दुकानें हैं, उसमें खपरगंज से लेकर मध्यनगरी चौक, तेलीपारा, जूना बिलासपुर, तारबाहर, हेमूनगर, चांटीडीह सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं। इन दुकानों का लाइसेंस है या नहीं, इन दुकानों की वजह से यहां के रहवासी किस तरह खतरे के साए में हैं, इन सब बातों से न तो जिला प्रशासन और न ही क्षेत्र विशेष की पुलिस को ही कोई सरोकार है। Q. तोरवा स्थित जिस गोदाम में आग लगी, क्या उसका लाइसेंस है?
A. इसकी जानकारी मुझे नहीं है। पेशो ‘ पेट्रोलियम और विस्फोट सुरक्षा संगठन’ ही बता पाएगा। Q. संचालक को यदि इसका लाइसेंस जारी किया गया है तो क्या इस बात का याल नहीं रखा गया कि जहां गोदाम है, वह रिहायशी इलाका है?
A. ऐसा स्पष्ट नियम नहीं है कि पटाखा दुकान या गोदाम रिहायसी इलाकों में हो सकते हैं या नहीं।
A. इसकी जानकारी मुझे नहीं है। पेशो ‘ पेट्रोलियम और विस्फोट सुरक्षा संगठन’ ही बता पाएगा। Q. संचालक को यदि इसका लाइसेंस जारी किया गया है तो क्या इस बात का याल नहीं रखा गया कि जहां गोदाम है, वह रिहायशी इलाका है?
A. ऐसा स्पष्ट नियम नहीं है कि पटाखा दुकान या गोदाम रिहायसी इलाकों में हो सकते हैं या नहीं।
Q. अब जबकि यह घटना घट गई है तो इसकी जांच के लिए क्या किया जा रहा है?
A. इस मामले की जांच भी पेशो ही करेगी। उसकी टीम बुधवार को जांच के लिए आ रही है।
A. इस मामले की जांच भी पेशो ही करेगी। उसकी टीम बुधवार को जांच के लिए आ रही है।
पटाखा गोदाम संचालक के पास इसका लाइसेंस है या नहीं, आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। रिपोर्ट मिलने के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।