बारिश में भीगने से बचें यह भी पढें : दानी स्कूल में लगा मेडिकल चेकअप कैंप, 6 में दिखे आईफ्लू के लक्षण तो 29 छात्रों की नजर कमजोर… लोगों को संक्रमण से बचने के लिए कोरोना की तरह ही एहतियात बरतना चाहिए। जिला अस्पताल और सिम्स में ओपीडी की संख्या भी बढ़ गई है, जिसमें 60 प्रतिशत मरीज मौसमी बीमारियों से ग्रसित होकर पहुंच रहे हैं। सिम्स व जिला अस्पताल में सर्दी, खांसी, उल्टी, दस्त, वायरल बुखार, फंगल इन्फेक्शन, मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियों से ग्रसित मरीज प्रतिदिन पहुंच रहे हैं।
यह भी पढें : Weather Update: छत्तीसगढ़ में अब तक कहां कितनी हुई बारिश, जिलेवार देखें आंकड़े दोनों अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों की संख्या दो हजार पहुंच गई है। ब्लड और अन्य जांच कराने मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। ब्लड की सामान्य जांच, सीबीसी, एचसीटी जांचों के लिए भी मरीजों को लाइनों में लगाकर इंतजार करना पड़ रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक बारिश के पानी में भीगने पर सर्दी, जुकाम होने की आशंका बढ़ती है। मौसम बदलते ही हमारी इम्यूनिटी पर नकारात्मक असर पड़ता है और यह कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से किसी भी प्रकार का संक्रमण हमें जल्दी प्रभावित करता है। वहीं बारिश के मौसम में चारों ओर नमी छाई रहती है।
ऐसे में तमाम बैक्टीरिया और वायरस पनपना शुरू हो जाते हैं, जिससे सर्दी, खांसी और वायरल से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जब-जब मौसम बदलता है, तब-तब बीमारियों का डर सताता है। वहीं, बारिश से सर्दी बढ़ने पर बीमार पड़ने का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है।
इस मौसम में फ्लू, सर्दी, जुकाम, खांसी और तेज बुखार जैसी दिक्कतें हो जाती हैं। ये सब हमें ठंड लगने और इस मौसम में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमजोरी आने के कारण होता है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
डायरिया, आईफ्लू के साथ ही इन दिनों सर्दी-बुखार के मरीज बढ़ गए हैं। लोग बारिश के मौसम में भीगने से बचें और गीले कपड़े न पहनें, अच्छा खानपान रखें। मौसमी बीमारियों से बचने के लिए कोरोना की तरह एहतियात बरतें। इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए उचित और संतुलित आहार लें।