इसी तरह से टाइगर रिजर्व के अंदर रिसॉर्ट में एक कमरा बुक करने में
पर्यटकों को 3500 रुपए देना होगा। अचानकार टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने पर्यटकों के लिए नया लागू कर दिया है। एटीआर की सैर दूसरे टाइगर रिजर्व से सस्ती है। इस बार प्रबंधन ने सुविधाएं भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। रिसॉर्ट के हर कमरे में पर्यटकों को एसी लगा हुआ मिलेगा। पर्यटकों को एलईडी की सुविधा मिलेगी और कमरों में रंग-रोगन करके उसे अच्छी हालत में लाया गया है।
वन विभाग के रिसॉर्ट में पर्यटकों को होटल वाला आनंद देने की तैयारी प्रबंधन कर रहा है। वर्तमान में यहां 7 जिप्सी है जिसमें एटीआर के अंदरूनी हिस्से में पर्यटक जाकर वन्यप्राणियों की चहलकदमी को देख सकते हैं। इसके साथ ही यहां के बैंगा रिसॉर्ट में 24 कमरे उपलब्ध हैं, जहां पर्यटक रुक सकते है।
ये वन्यप्राणी हैं एटीआर में
मैकल पर्वत की गोद में फैला है छग का सबसे बड़ा
टाइगर रिजर्व अचानकमार। इसके कोर एरिया और बफर एरिया में टाइगर, तेंदुआ, भालू, सोनकुत्ता, बाइसन जैसे खतरनाक वन्यप्राणी हैं, वहीं चीतल, बारहसिंघा, सांभर और मोर भी बहुतायत में पाए जाते हैं। यही वजह है कि अभयारण्य से टाइगर रिजर्व बनने के बाद लगातार यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अफसरों की माने तो यहां 400 से अधिक प्रकार की पक्षियों का भी बसेरा है।
ऑनलाइन होगी बुकिंग
अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अनुसार रिजर्व में घूमने के लिए पर्यटकों को बुकिंग ऑनलाइन करनी होगी। ऑनलाइन बुकिंग करने के बाद ही पर्यटक रिसॉर्ट में रुकने और जिप्सी में घूमने का लुफ्त उठा सकेंगे। एप्रोच और बढ़ा हुआ शुल्क लेने पर विवाद होने की घटनाओं से बचने के लिए सफारी प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। वन विभाग और टाइगर रिजर्व की वेबसाइट में शुल्क को अपडेट भी कर दिया गया है। जिप्सी में गाइड करने वाला एक व्यक्ति भी रहेगा। एटीआर के अंदर जंगल के रूट 46 से 50 किलो मीटर के दायरे में हैं। इसे घूमने में ढाई से तीन घंटे लगते हैं।