scriptउपचुनाव: नामांकन निरस्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे अमित | Amit Jogi will move to Supreme Court After cancellation of nomination | Patrika News
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उपचुनाव: नामांकन निरस्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे अमित

– मरवाही उपचुनाव (Marwahi Bypoll): 19 वर्ष बाद मरवाही में जोगी परिवार से कोई उम्मीदवार नहीं- कांग्रेस, गोंडवाना पार्टी के प्रत्याशियों ने की थी आपत्ति, दिखाया था हाई पॉवर कमेटी का फैसला

बिलासपुरOct 18, 2020 / 11:35 am

Ashish Gupta

बिलासपुर. मरवाही उपचुनाव (Marwahi Bypoll) से पहले जोगी परिवार (Jogi Family) को बड़ा झटका लगा है। 19 वर्ष बाद पहली बार जोगी परिवार का कोई भी सदस्य मरवाही सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएगा। शनिवार को जिला निर्वाचन अधिकारी ने पहले अमित जोगी और बाद में ऋचा जोगी का नामांकन निरस्त कर दिया।
शनिवार को जिला निर्वाचन अधिकारी ने जोगी परिवार के चार समर्थकों के भी नामांकन देर शाम निरस्त कर दिए। शनिवार को अमित जोगी का नामांकन इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि राज्य सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी कंवर जाति का नहीं माना था और उनके जाति प्रमाण पत्र को निलम्बित कर दिया था। हालांकि अभी यह मामला कोर्ट में लंबित है।
इसी आधार पर इन दोनों पति-पत्नी द्वारा उपचुनाव के लिए भरा गया नामांकन भी निरस्त कर दिया गया। इस फैसले से बौखलाए अमित जोगी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि वे चुनाव रद्द करवाने तक लड़ाई लड़ेंगे। महत्वपूर्ण बात है कि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मरवाही में प्रेस से बात करते हुए कहा था, स्क्रूटनी के बाद पता चलेगा कितने कोणीय मुकाबला होगा।

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बता दें कि मरवाही उप चुनाव में अमित जोगी के नामांकन में आपत्ति कांग्रेस के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की ओर से उर्मिला मार्को और निर्दलीय प्रताप सिंह भानू ने भी की थी। तीनों के पास राज्य स्तरीय जांच कमेटी के उस आदेश की कॉपी थी, जिसमें अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया था।

जकांछ से नहीं होगा कोई प्रत्याशी
मरवाही उपचुनाव से अब जोगी परिवार से उनकी पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं होगा, लेकिन उन्होंने ऐहतियातन अपने 4 समर्थकों के फॉर्म दाखिल करवाए थे। इनमें दो संभावित प्रत्याशियों पुष्पेश्वरी तंवर या मूलचंद सिंह का नामांकन जिला निर्वाचन अधिकारी ने विधि मान्य नहीं होने की वजह से खारिज कर दिया गया है। दो अन्य समर्थकों के भी नामांकन निरस्त हो गए हैं।

अमित के खिलाफ एफआईआर के भी निर्देश
जाति के लिए गठित हाई पावर कमेटी ने अमित को गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाने का दोषी मानते हुए उनके खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश भी दिए हैं।

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16 अक्टूबर की तारीख का आदेश, 17 को आया बाहर
जाति प्रमाण पत्र के निलंबन संबंधी आदेश में तारीख 16 अक्टूबर लिखी है। माना जा रहा है कि यह स्क्रूटनी के एक दिन पहले ही रद्द कर दिया गया था। बेटे की जाति पिता से होती है जांच कमेटी की ओर से कहा गया है कि 20 से 23 सितंबर को डाक के जरिए अमित जोगी को नोटिस भेजा गया था।

कमेटी की दलील है कि राज्य उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने अजीत जोगी को कंवर आदिवासी नहीं माना था। ऐसे में बेटे की जाति पिता की जाति से निर्धारित होती है। नतीजतन अमित जोगी को कंवर नहीं माना जा सकता है। जोगी जाति मामला कोर्ट में लंबित था, उसी समय अजीत जोगी का निधन हो गया।

3 प्रत्याशियों ने नामांकन पर आपत्ति जताई
मरवाही उप चुनाव में अमित जोगी के नामांकन में आपत्ति कांग्रेस के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की ओर से उर्मिला मार्को और निर्दलीय प्रताप सिंह भानू ने भी की थी। तीनों के पास राज्य स्तरीय जांच कमेटी के उस आदेश की कॉपी थी, जिसमें अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया था।

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अमित ने कहा-दो दिन दीजिए, लेकिन नहीं मिला मौका
अमित जोगी ने इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए दो दिन का समय मांगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने इसे अस्वीकार कर दिया। इससे पहले 31 अक्टूबर 2013 को अमित जोगी को कंवर जाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया था। राज्य उच्चस्तरीय जांच कमेटी 23 अगस्त 2019 को अजीत जोगी का भी जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर चुकी है।

पत्रकारों से बात करते हुए अमित ने कहा कि वे शुरू से कहते आ रहे हैं कि जिला निर्वाचन अधिकारी जिला कांग्रेस अध्यक्ष की तरह कार्य करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रावधान है कि यदि किसी दस्तावेजों का अध्ययन करना हो तो दावेदार को समय दिया जा सकता है।

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