पीडित विरेन्द्र कुमार मसीह ने न्यायालय में बताया था कि वह ग्रोईंग अर्पोचूनिटी फायनेंस इंडिया प्रा.लि में वसूली प्रबंधक है। इस संस्था में कार्यरत कुंवर लाल गढेवाल पिता कुशल प्रसाद गढेवाल (41) निवासी टिकरीपारा बहतराई व श्याम लाल लहरे पिता तुलसा राम (40) निवासी नवागांव पोस्ट काठाकोनी क्लाइंट रिलेशनशिप आफिसर हैं। इन दोनों ने साथी बैंक मैनेजर विनय कुमार वाणी पिता दीपक कुमार वानी (38) निवासी केयर झूलाघर जरहाभाठा ने फर्जी स्व सहायता समूहों के लगभग 20 से अधिक आवेदन फार्म लोन के लिए कंपनी में जमा करवाए थे। मैनेजर विनय कुमार सेंशन करने पर विभिन्न महिला स्व सहायता समूह को चौसठ लाख दो हजार 121 रुपए का लोन दिया गया। कुछ महीनों तक किस्त जमा करता रहा, लेकिन अचानक से किस्त जमा होनी बंद हो गई। लोन किस्त न जमा होने पर जब रीजनल वसूली मैनेजर विरेंद्र मसीह ने महिला स्व सहायता समूह के लोन फार्म में संलग्न दस्तावेज मतदाता परिचय पत्र व राशन कार्ड के आधार पर हितग्राहियों से मुलाकात की, तब पता लगा महिलाओं ने किसी प्रकार का लोन कभी लिया ही नहीं है।
फर्जी महिला स्व सहायता समूह का गठन : तीनों कर्मचारियों ने मिलकर महिलाओं के नाम से फर्जी स्व सहायता समूह का गठन करते हुए जरीना बेगम, फरजाना बेगम, मुश्तरी बेगम, सीमा ठाकुर व अजगरी बेगम को स्वसहायता समूह का सदस्य बताते हुए 40 हजार लोन लिया। कुंवर लाल गढेवाल ने अनुसुईया यादव, रथबाई गोंड, संगीता ठक्कर व गीता सवानी के नाम पर दो लाख का लोन लिया। व अन्य महिलाओं के नाम पर भी लाखों की लोन लेकर बैंक को चूना लगाया गया है।