बिलासपुर

36 सिटी मॉल का संचालन अब करेगा बैंक, जानें वजह

बताया जाता है कि बैंक के अधिकारी 36 मॉल में कब्जे के लिए 2 सितम्बर को आदेश जारी करने के लिए दबाव बना रहे थे।

बिलासपुरSep 03, 2017 / 11:00 am

Amil Shrivas

बिलासपुर. तय समय सीमा में कर्ज की रकम जमा नहीं करने पर पीएनबी के अधिकारी कोर्ट के आदेश के बाद कब्जा लेने के लिए शुक्रवार को दिनभर तहसील कार्यालय में मशक्कत करते रहे। लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। बिलासपुर तहसीलदार देवी लाल उइके ने पत्रिका को बताया 36 मॉल पर बैंक को कब्जा दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। मॉल पर बैंक को 7 सितम्बर को कब्जा दिला दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि कब्जा दिलाने का काम हमारा है। इसके बाद बैंक द्वारा माल में ताला लगाया जाएगा या और कोई कार्रवाई की जाएगी, यह जिम्मेदारी बैंक की है। मंगला चौक स्थित 36 मॉल पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) कटोरा तालाब रायपुर के कब्जे के कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार से बैंक के अधिकारियों ने बिलासपुर के अधिकारियों से लगातार संपर्क शुरू कर दिया था। बताया जाता है कि बैंक के अधिकारी 36 मॉल में कब्जे के लिए 2 सितम्बर को आदेश जारी करने के लिए दबाव बना रहे थे।
इसके बाद उन्होंने 4 सितम्बर को आदेश जारी करने की मांग की, लेकिन तहसीलदार ने व्यस्त होने के कारण 7 सितम्बर की तारीख कब्जा दिलाने के लिए तय की है। तहसीदार देवी लाल उइके ने पत्रिका को बताया कि मॉल में तालाबंदी हमारा काम नहीं है हम बैंक को मॉल का कब्जा दिला सकते हैं इसके आगे की कार्रवाई बैंक को करना होगा कि वे ताला बंद करेंगे या फिर कोई सेटलमेंट करेंगे, यह उन पर निर्भर है।
तत्कालीन कलेक्टर ने कब्जे के लिए दिया था आदेश : मामला तत्कालीन कलेक्टर अन्बलगन पी तक पहुंचा तो उन्होंने भी किस्त न जमा कर पाने की स्थिति में 36 मॉल का कब्जा पीएनबी को देने की बात कही थी। लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका। बाद में मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस मनींद्र श्रीवास्तव ने 36 मॉल के मालिक को 6 सप्ताह के भीतर 5 करोड़ रुपए की किस्त जमा करने कहा था। यह मियाद बीते 23 अगस्त को खत्म हो गई। मियाद खत्म होने के बाद पीएनबी के प्रतिनिधि अभिलाष गौतम ने बिलासपुर तहसील कार्यालय में पहुंचकर हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 36 मॉल का कब्जा दिलाने का अनुरोध किया। इस पर कोई कार्रवाई होती इसके पहले 36 मॉल के मालिक ने हाईकोर्ट में अंतरिम राहत के लिए याचिका पेश कर फिर से समय मांगा।
याचिका पर हाईकोर्ट ने एक सप्ताह का समय दिया था । तय समय पर राशि जमा न करने पर 36 मॉल का कब्जा पंजाब नेशनल बैंक को देने का आदेश दिया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद यह तय हो गया है कि सिटी 36 मॉल में पंजाब नेशनल बैंक का कब्जा हो जाएगा। बिलासपुर तहसीलदार ने कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह है मामला : मालूम हो कि वर्ष 2013- 14 में पूर्व मंत्री केके गुप्ता, संजय गुप्ता, पिंकी गुप्ता और नीलम गुप्ता के नाम से बिलासपुर में 36 मॉल के लिए आईसीआईसीआई बैंक से 100 करोड़ और पंजाब नेशनल बैंक से 20 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था। कर्ज के एवज में आज तक एक भी किस्त जमा नहीं की गई। बैंको ने किश्त के लिए दबाव डाला । कर्जदारों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। इस बीच आईसीआईसीआई बैंक ने किस्त न मिलने पर वसूली के लिए अपने लोन का शेयर एक कंपनी को दे दिया। कंपनी ने बाद में शेयर पंजाब नेशनल बैंक को दे दिए। पंजाब नेशनल बैंक पर माल का कुल 120 करोड़ का कर्ज हो गया। पीएनबी की यह ब्रांच कटोरा तालाब रायपुर में है। पीएनबी की ओर से कर्ज की वसूली के लिए लगातार कोशिश चलती रही। लेकिन फिर भी 36 मॉल विकास प्राइवेट लिमिटेड के मालिकों ने किस्त जमा नहीं की।

बिजनेस का सही आंकलन नहीं : 36 माल जैसी घटना इस बात का इशारा है कि बिजनेस का सही आंकलन नहीं किया गया। व्यवसायी ने सौ करोड़ से अधिक का लोन इस बात को ध्यान में रखकर लिया कि बेच कर ना सिर्फ किश्त चुकाएंगे, बल्कि करोड़ो का मुनाफा भी होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
विजय माहेश्वरी, सीए
बैंकिंग सिस्टम में छेद : इस तरह की घटनाएं बैंकिंग सिस्टम के फुलप्रूफ नहीं होने की ओर इशारा करती हैं। लोन देते वक्त वापसी की क्या गारंटी होगी, इस बात का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया। दवाब में आकर या कभी-कभी साख बनाने के लिए भी बैंक जरुरत से ज्यादा लोन दे देती है। बाद में एनपीए का रोना रोती है। विजय माल्या समेत देश में ऐसे कई उदाहरण सामने हैं।
कमल बजाज, टैक्स कंसल्टेंट

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