बिलासपुर. पंजाब नेशनल बैंक के लिए हॉटल कोर्टयार्ड मैरियट एवं 36 मॉल पर अधिग्रहण के दो वर्ष बाद भी 120 करोड़ की रिकवरी जी का जंजाल बना हुआ है। एक तरफ होटल व माल के संचालन में काफी परेशानी आ रही है तो दूसरी तरफ रिकवरी की कोई सूरत भी नहीं निकल रही है।
बैंक प्रबंधन ने इशारों में इसकी नीलामी की योजना बनाई है, लेकिन आधिकारिक रूप से किसी प्रकार का बयान जारी करने से अभी कतरा रहे हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बैंक ने 17 नवंबर 2017 को माल व होटल का पजेशन ले लिया है। लेकिन माल संचाालकों की उदासीनता से मामला जस का तस बरकरार है। समझौते के सकारात्मक हल के लिए बैंक की ओर से मॉल संचालकों को कई ऑप्शन दिए गए थे। लेकिन प्रबंधन द्वारा गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने और बैंक प्रबंधन से लोन की किश्त के संबंध में किसी सकारात्मक ऑप्शन पर विचार नहीं करने पर बैंक ने अंतिम चेतावनी जारी कर शीघ्र ही किश्त की अदायगी करने को कहा है। अन्यथा ऑक्शन ही अंतिम विकल्प होगा। बैंक ने साफ किया है सरफेसी एक्ट के तहत मॉल और मैरियट के अधिग्रहण के बाद प्रबंधन रिकवरी के संबंध में ऑप्शनों का खुलासा करे। अन्यथा मजबूरन अ्रन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ेगा।
बैंक के पास कई विकल्प हैं
रिकवरी के संबंध में बैंक के पास कई विकल्प हैं, इसमें आक्शन की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। लेकिन अंतिम निर्णय अभी होना बाकी है।
बीपी राव, एजीएम पीएनबी
रिकवरी के संबंध में बैंक के पास कई विकल्प हैं, इसमें आक्शन की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। लेकिन अंतिम निर्णय अभी होना बाकी है।
बीपी राव, एजीएम पीएनबी
अदायगी का प्लान दे मॉल प्रबंधन
पीएनबी के अधिकारियों का कहना है 36 मॉल प्रबंधन 120 करोड़ के लोन की अदायगी के संबंध में शीघ्र ही कोई ठोस प्लान पेश करे। अधिग्रहण के दो वर्ष बाद भी प्रबंधन द्वारा लोन नहीं पटाने को बैंक ने नेग्लीजेंस माना है। अगर शीघ्र ही एकमुश्त रकम अदायगी के संबंध में कोई निर्णय नहीं हुआ तो आक्शन के विकल्प पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि आक्शन के विकल्पों का खुलासा बैंक द्वारा नहीं किया जा रहा है। बैंक को आशंका है कि नीलामी से 120 करोड़ की वसूली हो भी पाएगी या नहीं। इसे लेकर रोड मैप बनाया जा रहा है।
पीएनबी के अधिकारियों का कहना है 36 मॉल प्रबंधन 120 करोड़ के लोन की अदायगी के संबंध में शीघ्र ही कोई ठोस प्लान पेश करे। अधिग्रहण के दो वर्ष बाद भी प्रबंधन द्वारा लोन नहीं पटाने को बैंक ने नेग्लीजेंस माना है। अगर शीघ्र ही एकमुश्त रकम अदायगी के संबंध में कोई निर्णय नहीं हुआ तो आक्शन के विकल्प पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि आक्शन के विकल्पों का खुलासा बैंक द्वारा नहीं किया जा रहा है। बैंक को आशंका है कि नीलामी से 120 करोड़ की वसूली हो भी पाएगी या नहीं। इसे लेकर रोड मैप बनाया जा रहा है।