एक नवंबर को लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार, अनावश्यक रूप से असमंजस उत्पन्न किया जा रहा है। शास्त्र वचन है कि प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ है। इस बार दोनों दिन अमावस्या तिथि है। शास्त्र समत वचन है कि दूसरे दिन प्रदोषकाल के बाद एक घटी तक अमावस्या तिथि हो, तो दूसरे दिन दीपावली पर्व मनाया जाएगा। पंडित अशोक ओझा चौथाणी के मुताबिक, देश के 80 पंचांगों में एक नवंबर को दीपावली पर्व मनाने का मुहूर्त है। गोपाल नारायण व्यास ने कहा कि लक्ष्मी पूजन में प्रदोषकाल प्रमुख है। दोनों दिन प्रदोषकाल है, तो दूसरे दिन दीपावली मनाने का विधान धर्मशास्त्रों में है। पंडित अशोक ओझा नानगाणी ने कहा कि दो दिन प्रदोषकाल में अमावस्या है। दूसरे दिन की अमावस्या प्रदोषकाल में एक घटी या इससे अधिक है, तो दीपावली पर्व मनाना शास्त्र समत है। पंडित महेन्द्र व्यास ने भी एक नवंबर को दीपावली मनाना शास्त्र समत बताया। बृजेश्वर लाल व्यास ने करीब एक शताब्दी पुराने पंचांगों के प्रमाण मीडिया के समक्ष रखा।
31 को दीपावली का प्रमाण रखें विद्वान पत्रकार वार्ता के दौरान विद्वानों ने कहा कि जो विद्वान 31 अक्टूबर को दीपावली पर्व मनाने की बात कह रहे हैं, वे शास्त्र समत प्रमाण रखें।
मांग: एक नवंबर को घोषित हो अवकाश पंडितों और विद्वानों ने राज्य सरकार से दीपावली पर्व मनाने के लिए एक नवंबर को अवकाश घोषित करने की भी मांग की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से दीपावली पर्व को लेकर 31 अक्टूबर को अवकाश घोषित किया गया है, यह शास्त्र समत नहीं है।
इसलिए एक नवबर को दीपावली शास्त्र समत
- दिन द्वये सत्तवे परा। पर दिने एव दिन द्वयेपिवा प्रदोष व्याप्तौ परा – (धर्म सिन्धु)
- इयं प्रदोषव्यापिनी ग्राह्या दिन द्वये सत्वासत्वेपरा ।
- यदा तु द्वितीय दिने यामत्रयेममावस्या तदुत्तर दिने सार्धयात्रयं प्रति पत्तदा परा – (पुरुषार्थ चिन्तामणि )
- यदि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के अनंतर एक घटी से अधिक अमावस्या हो या एक घटी हो तो उसी दिन दीपावली मनाना शास्त्र समत है।
- प्रदोषसमये लक्ष्मी पूजयित्तवा तत: क्रमात। दीपवृक्षाश्च दात्तव्या: शक्तया देव गृहेषु च।