बीकानेर

ट्रेन की रफ्तार छीन रही प्रवासी पक्षियों की जिंदगी

विलुप्त होने की कगार पर गिद्ध व अन्य प्रवासी पक्षी जोड़बीड़ क्षेत्र में अब महफूज नहीं है। रेल की रफ्तार से इन परिंंदों की मौत हो रही है। जोड़बीड़ में कुछ दिनों में एक दर्जन से अधिक गिद्धों व प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है।

बीकानेरDec 29, 2019 / 11:08 am

Nikhil swami

migratory bird death

बीकानेर. विलुप्त होने की कगार पर गिद्ध व अन्य प्रवासी पक्षी जोड़बीड़ क्षेत्र में अब महफूज नहीं है। रेल की रफ्तार से इन परिंंदों की मौत हो रही है। जोड़बीड़ में कुछ दिनों में एक दर्जन से अधिक गिद्धों व प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है।
पक्षी विशेषज्ञ व आइयूसीएन सदस्य डॉ. दाउलाल बोहरा ने बताया कि इन गिद्धों की मौत करीब १० से १५ दिन पहले ही हुई है। पक्षी विशेषज्ञों की मानें तो मृत गिद्धों की पहचान की गई तो इनमें यूरेशियन ग्रीफॉन, इम्पीरियल ईगल, इजीपशियन वल्चर व स्टेपी ईगल मिले।
हर साल रेल की तेज रफ्तार व करंट से गिद्धों की मौत होती है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी इससे बेखबर है। वन अधिकारियों की ओर से इन गिद्धों के संरक्षण के लिए प्रयास नहीं हो रहे है। जोड़बीड़ क्षेत्र से गुजरने वाली तेज रफ्तार ट्रेनों की चपेट में आने से पशु-पक्षी अकाल का ग्रास बन जाते है।
इन मृत पशुओं को खाने के लिए आने पर गिद्ध भी ट्रेन की चपेट में आ जाते है। जोड़बीड़ क्षेत्र में रेलवे ट्रेक में १०० मीटर घुमाव है। किसी भी मवेशी के ट्रेक पर मर जाने के बाद यहां गिद्ध खाने के लिए बैठते है। इस दौरान बीकानेर की तरफ से आने वाली ट्रेन की चपेट में विदेशी पक्षी चपेट में आ जाते हैं।
बिजली लाइन के तारों से पक्षी मर रहे है एेसी शिकायत नहीं है। अगर बिजली के करंट से पक्षी मर रहे है तो इसको मैं दिखवाता हूं।
अर्पण दत्ता, बिजली कंपनी अधिकारी


&बिजली तारों से मरने की घटना सबसे ज्यादा देखी गई है। यह आइबीए साइट है इसलिए जोड़बीड़ में पक्षियों को बचाने के उपाय प्रशासन को करने चाहिए।
डॉ. दाउलाल बोहरा, आइयूसीएन सदस्य

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