एसएचओ सुरेन्द्र पचार ने बताया कि झुंझुनूं के बगड़ निवासी ज्योति (19) पुत्री सुरेश कुमावत यहां पीबीएम अस्पताल में जीएनएम की पढ़ाई कर रही थी। वह थर्ड ईयर की छात्रा थी। शनिवार रात को उसने अपने कमरे में आत्महत्या कर ली। रात करीब साढ़े ग्यारह बजे उसकी सहपाठियों ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसने नहीं खोला। तब साथी छात्राओं को चिंता हुई। उन्होंने दरवाजा खोलकर देखा, तो होश उड़ गए। इसके बाद पीबीएम व कॉलेज के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस को सूचना दी गई।
मुझे माफ करना मम्मी-पापा एएचओ पचार ने बताया कि छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में लिखा है कि मम्मी-पापा मुझे माफ करना। मैंने आज तक कोई गलत काम नहीं किया, लेकिन अब कर रही हूं। पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है। वहीं मौके पर एफएसएल टीम को बुलाकर साक्ष्य सबूत जुटाए हैं।
नौ बजे हाजिरी लगने के बाद गई थी कमरे में एसएचओ पचार ने बताया कि हॉस्टल में ज्योति ने शनिवार रात को अपनी साथी छात्राओं के साथ खाना खाया। रात करीब नौ बजे वह हाजिरी में उपस्थित थी। बाद में वह अपने कमरे में चली गई। हमेशा वह कभी-कभार जल्दी कमरे में चली जाती, तो कुछ देर बाद वापस बाहर सहेलियों के पास आ जाती थी, लेकिन शनिवार रात को ऐसा नहीं हुआ। सवा ग्यारह बजे तक वह वापस नहीं आई। तब साथी छात्राएं उसके कमरे पर गईं।