इस बारे में मौके पर ग्रामीणों से जानकारी ली। गुरुवार को सहजरासर गांव के पास स्थित सेजराणा जोहड़, पुराने कुआं समेत कई परंपरागत जलस्रोतों को देखा। मौके पर ग्रामीणों से भी कई सालों की भौगोलिक स्थिति को लेकर इनपुट लिए गए। जीएसआई की टीम के साथ स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता राजू चौहान, सरपंच आशीदेवी सहित कार्मिक आदि भी मौजूद रहे। निदेशक सिंह ने बताया कि अभी मामले की बारीकी से जांच की जा रही है। अगले एक-दो दिन में सभी एंगल से जांच के बाद जमीन धंसने के कारणों के बारे में पता चल पाएगा।
धारा 144 लगाई सहजरासर गांव की रोही में जमीन धंसने से बने गड्ढे को लेकर शनिवार शाम को एक युवक के गड्ढे में उतरने की सूचना मिलने के बाद अब प्रशासन ने भी सख्ती दिखाई है। उपखण्ड अधिकारी एवं उपखण्ड मजिस्ट्रेट राजेन्द्र कुमार ने धारा 144 लगाते हुए गड्ढे बने इलाके में आगामी आदेशों तक बिना अनुमति के प्रवेश करने पर मनाही है। धारा तोडऩे वालों को पुलिस गिरफ्तार कर कार्रवाई कर सकती है। इसमें धारा तोडऩे पर दो साल तक की सजा या जुर्माने का भी प्रावधान है।
धारा 144 का सरकारी कर्मचारी ही कर रहे उल्लंघन सहजरासर गांव में 15 अप्रेल को अप्रत्याशित रूप से बने 70 फीट गहरे और 150 फीट लंबे गड्ढे की जानकारी जैसे ही आमजन को हुई, तो युवा रील बनाने के चक्कर में गड्ढे में उतरने लगे। तब प्रशासन ने सख्ती बरती और 200 मीटर परिधि में तारबंदी करवाकर धारा 144 लागू कर दी और बिना विशेष आज्ञा के इस परिधि के अंदर जाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। इसके लिए ग्राम पंचायत की ओर से तीन कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई। पुलिस के 2 जवान भी नियुक्त किए गए। इसके बाद भी आमजन प्रतिबंधित क्षेत्र में खुलेआम पहुंच रहा है।
ग्रामीण बता रहे… कई साल पहले गिरी थी आकाशीय बिजली सोमवार रात को सहजरासर गांव के पास एक खेत में जमीन धंसने के मामले को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि इस जगह करीब सौ साल पहले आकाशीय बिजली गिरी थी। इसी कारण इस जगह को लेकर आम बोचचाल में बिजलखाड के नाम से पुकारते है। ग्रामीणों ने बताया कि इस जगह पिछले कई साल से एक-दो फीट जगह धीरे-धीरे धंसती आ रही है। इससे इस जगह सड़क भी हर साल क्षतिग्रस्त होती थी।