बड़ी मात्रा में शोधित पानी के उपलब्ध होने के साथ ही निगम ने अब इस पानी को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि बरसिंहसर नेवली लिग्नाईट के अधिकारी भी एसटीपी का निरीक्षण कर शोधित पानी लेने की मंशा जता चुके है। नेवली करीब 12 से 14 एमएलडी पानी ले सकता है। वहीं शेष शोधित पानी को निगम अपने स्तर पर नीलामी के माध्यम से बेचेगा। शोधित पानी को बेचने से निगम को हर माह लाखों रुपए के राजस्व की प्राप्ति होगी।
परियोजना में यह हुए तैयार
बल्लभ गार्डन क्षेत्र स्थित एसटीपी एसबीआर तकनीक पर आधारित है। शिवबाड़ी मंदिर के पीछे पम्पिंग स्टेशन बनाया गया है। परियोजना के एईएन के अनुसार एसटीपी परिसर में एक ओवर हैड टैंक प्राइमरी ट्रीटमेंट यूनिट, वॉल्यू फिल्टर, एसबीआर, क्लोरीन कॉन्टेक्ट टैंक, डायजेस्टर टैंक, पानी जांच के लिए प्रयोगशाला,पैनल रूम, पूरे परियोजना की मॉनिटरिंग के लिए स्काडा तकनीक का उपयोग हो रहा है।
दस या इससे कम बीओडी
परियोजना सहायक अभियंता संजय ठोलिया के अनुसार बल्लभ गार्डन एसटीपी एसबीआर तकनीक पर आधारित है। इससे उच्च गुणवत्ता का पानी शोधित हो रहा है। शोधन के बाद पानी की गुणवत्ता 10 या इससे कम बीओडी दर्ज की गई है। वहीं सीओडी 50 या इससे कम तथा टीएसएस 10 या इससे कम दर्ज की गई है। इस पैरामीटर का पानी सब्जी उगाने या खेती में उपयोग के लिए सही है। पीने के अतिरिक्त अन्य सभी कार्यो में इस शोधित पानी का उपयोग हो सकता है। निर्माण कार्यो, बिल्डिंग वर्क , कार वॉशिंग आदि में इस पानी का उपयोग हो सकता है।
गंदे पानी से मिलेगी निजात
सीवर लाइनों के माध्यम से घरों में उपयोग लिया पानी एसटीपी तक पहुंचेगा। यहां इस पानी का शोधन होगा। शोधन के उपरान्त इस पानी का खेती सहित अन्य कार्यो में उपयोग हो सकेगा। इससे आमजन को गंदे पानी की समस्या से निजात मिलेगी और गंदे पानी का शोधन के बाद पुन: उपयोग सकेगा।
सीवरेज परियोजना -एक नजर
परियोजना – अमृत योजना शिवबाड़ी जोन
परियोजना की कुल लागत – 139 करोड़
निर्माण कार्य – 122 करोड़
ओ एण्ड एम – 17 करोड़
सीवर लाइन की लम्बाई – 135 किमी
घरों में सीवर कनेक्शन – 10500
एसटीपी की क्षमता – 40 एमएलडी