चैक किया फोन, खुली पोल संवेदक फर्मों के माध्यम से निगम का सफाई कार्य कर रहे सफाई श्रमिक अपने हको और सुरक्षा को लेकर अधिक जागरूक नहीं है। बैठक के दौरान अध्यक्ष एम वेंकटेशन ने जब सीवरेज, ट्रैक्टर ट्रॉली और ऑटो टिपर से सफाई कार्य कर रहे सफाई श्रमिकों से उनको मिल रहे वेतन, ईपीएफओ, इंश्योरेंस, ईएसआई, वेतन स्लिप, पहचान पत्र इत्यादि के बारे में जानकारी ली तो वे स्पष्ट रूप से कुछ बताने में असमर्थ नजर आए। अध्यक्ष ने उनसे पूछा कि ‘ आपको कितना वेतन मिलता है, चैक से मिलता है, नकद मिलता है अथवा बैंक खातों में जमा होता है, ईएसआई सुविधा मिल रही है क्या, ईपीएफओं की कटौती हो रही है क्या’ जब दो तीन कर्मचारियों ने सुविधाएं मिलने और बैंक में वेतन जमा होने की बात कही तो अध्यक्ष ने उनका मोबाइल भी चैक किया। लेकिन अध्यक्ष संतुष्ट नजर नहीं आए।
मिले तकनीकी कर्मचारी का दर्जा सफाई कर्मचारी संगठनों से जुड़े नेताओं ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष के समक्ष सफाई कर्मचारियों से संबंधित विभिन्न मांगे रखी। सफाई कर्मचारी नेता शिवलाल तेजी ने सफाई कर्मचारियों को तकनीकी कार्मिकों का दर्जा देने, सफाई कार्मिकों की पदोन्नति छह-छह माह में वरिष्ठता के आधार पर करवाने, कार्मिकों को रियायती दरों पर भूमि का आंवटन करने, नवीन तकनीक के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाने, सामूहिक बीमा की राशि पांच लाख तक करवाने, आरजीएचएस योजना के अंतर्गत सभी कार्मिकों को लाभ दिलवाने, मृतक आश्रितों व सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को समस्त भुगतान का लाभ त्वरित गति से प्रदान करवाने आदि की मांगे की। वहीं निगम जमादारों की ओर से एनपीएस कटौती का निस्तारण करवाने की मांग की गई। वहीं कर्मचारी फैडरेशन के निगम अध्यक्ष महेश आचार्य के नेतृत्व में भी आयोग अध्यक्ष को विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया।