बीकानेर

Ram Mandir Pran Pratishtha: इतिहास में इतना कभी नहीं बिकी यह पुस्तकें

स्टॉक भी लगभग समाप्त हो चुका है। यहां तक की गीता प्रेस गोरखपुर ने भी ऑर्डर लेने बंद कर दिए हैं। स्थानीय विक्रेताओं के पास सबसे ज्यादा हनुमान चालीसा और रामचरित मानस की बिक्री हुई है। सालभर में यह जितने बिकते थे, उतने एक सप्ताह में बिक्री हो जाने से स्टॉक समाप्त होने की स्थिति है।

बीकानेरJan 22, 2024 / 03:12 am

Brijesh Singh

Ram Mandir Pran Pratishtha: इतिहास में इतना कभी नहीं बिकी यह पुस्तकें

 

अयोध्या में श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में धार्मिक माहौल बना हुआ है। हर तरफ भगवान राम के भजन, हनुमान चालीसा तथा रामायण की चौपाइयाें की गूंज है। वहीं मंदिरों में भी धार्मिक आयोजनों की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा। इस बीच शहर में धार्मिक पुस्तकों की मांग बीते दस दिन के दौरान कई गुणा देखने को मिली है। दुकानदारों को भी ऐसा माहौल बनने से भगवान श्रीराम से जुड़ी धार्मिक पुस्तकों की बड़ी तादाद में बिक्री होने का पहले अनुमान नहीं था। लिहाजा, स्टॉक भी लगभग समाप्त हो चुका है। यहां तक की गीता प्रेस गोरखपुर ने भी ऑर्डर लेने बंद कर दिए हैं। स्थानीय विक्रेताओं के पास सबसे ज्यादा हनुमान चालीसा और रामचरित मानस की बिक्री हुई है। सालभर में यह जितने बिकते थे, उतने एक सप्ताह में बिक्री हो जाने से स्टॉक समाप्त होने की स्थिति है।

25 साल में पहली बार…

धार्मिक पुस्तकों के विक्रेता विश्वनाथ डागा ने बताया कि 25 साल में पहली बार हनुमान चालीसा, रामचरित मानस एवं सुंदरकांड पुस्तकों की इतनी मांग देखी गई है। नवरात्रा में दुर्गा सप्तशती की पुस्तकें अधिक बिकती रही हैं। धार्मिक पुस्तक विक्रेता सतपाल कौशिक ने बताया कि अयोध्या में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की 22 तारीख की घोषणा काफी पहले हो गई थी। परन्तु उस समय ज्यादा मांग नहीं होने से किसी ने प्रकाशकों को ऑर्डर नहीं दिए। अब अकेले बीकानेर में 100 से ज्यादा बड़े धार्मिक आयोजन होने से हनुमान चालीसा और रामचरित मानस और सुन्दरकांड की मांग अचानक ही बढ़ गई। आयोजक श्रद्धालुओं को यह धार्मिक पुस्तकें बांटने के लिए खरीद रहे हैं।

इन पुस्तकों की डिमांड अधिक

धार्मिक पुस्तक विक्रेता तेज कुमार शर्मा ने बताया कि गीता प्रेस गोरखपुर के पास भी स्टॉक नहीं है। अयोध्या के धार्मिक माहौल को देखते हुए दुकानों पर धार्मिक पुस्तकों की खरीद के लिए 50 फीसदी से भी ज्यादा तक ग्राहकी बढ़ गई है। श्रद्धालु हनुमान चालीसा, रामचरित मानस एवं सुंदरकांड की पुस्तक अधिक खरीद रहे हैं। अन्य धार्मिक पुस्तकों का स्टॉक तो बहुत है, लेकिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड एवं रामचरित मानस का नहीं है।

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