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बीकानेर

Rajasthan News: बॉर्डर पर नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करेंगे जर्मन शेफर्ड और लैब्राडोर, जानिए कैसे

Rajasthan News: मादक पदार्थ तस्करी रोकने को बीएसएफ के साथ 16 श्वानों का दस्ता तैनात, 15 अक्टूबर से शुरू होगा दूसरे दस्ते का प्रशिक्षण

बीकानेरSep 24, 2024 / 09:17 am

Rakesh Mishra

dog training center
दिनेश कुमार स्वामी

Bikaner News: राजस्थान और गुजरात की 1545 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ अब विशेष रूप से प्रशिक्षित विदेशी नस्ल के डॉग भी गश्त पर रहेंगे। अभी इनकी तादाद बटालियन में तीन से पांच होगी। बीकानेर में स्थापित इकलौते डॉग ट्रेनिंग सेंटर से जैसे-जैसे डॉग पास आउट होंगे, सीमा रक्षा में इनकी तैनाती बढ़ती जाएगी।
बीएसएफ के सेक्टर हेड€वार्टर पर डॉग ट्रेनिंग सेंटर से 16 जर्मन शेफर्ड की पहली यूनिट छह महीने की ट्रेनिंग पूरी कर चुकी है। अब इनकी तैनाती गुजरात और राजस्थान बॉर्डर पर कर दी गई है। दूसरे बैच में लैब्राडोर भी प्रशिक्षण के लिए भर्ती किए जाएंगे। इनकी ट्रेनिंग 15 अ€टूबर से शुरू होगी। खास बात यह है कि बीएसएफ की ओर से तैयार किया गया 16 श्वानों का पहला दस्ता हैं। अभी तक श्वानों को संदिग्ध वस्तु को सूंघकर पता लगाने, खासकर आ्र्स या विस्फोटक की तलाश करने के प्रशिक्षण पर ही जोर दिया जाता रहा है। अब सीमा पार पाकिस्तान से ड्रोन से हेरोइन की तस्करी सबसे बड़ी चुनौती बन कर सामने आई है। ऐसे में एंटीड्रोन जैसी तकनीकों को अपनाने के साथ तस्करों के नेटवर्क को डी-कोड करने में इन प्रशिक्षित डॉग्स की मदद ली जाएगी।

ट्रेंड डॉग की मदद से खोजबीन

जर्मन शेफर्ड और अब लैब्राडोर को इस तरह से भी ट्रेंड किया जा रहा है कि वह सीमा पर पांच-सात किलोमीटर एरिया में कोई मादक पदार्थ पड़ा हो तो उसका पता लगा सके। खोजबीन में यह डॉग बीएसएफ की मदद करेंगे। साथ ही यदि कोई स्थानीय व्यक्ति मादक पदार्थ के करियर के रूप में काम करेगा तो डॉग की मदद से उसकी पहचान की जा सकेगी।

स्ट्रीट डॉग्स भी बॉर्डर पर जवान के साथी

केंद्र सरकार ने करीब ढाई साल पहले देश की सीमाओं पर बॉर्डर चौकियों में स्ट्रीट डॉग्स को प्रशिक्षण देकर काम में लेने के निर्देश दिए थे। बीएसएफ के तत्कालीन डीआइजी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ इसे प्रदेश से लगती पश्चिमी सीमा पर अपनाया भी था। अकेले बीकानेर से€क्टर में 200 से अधिक भारतीय नस्ल के श्वानों को बीएसएफ की चौकियों में भेजे गए थे। ये श्वान आज भी बॉर्डर पर बीएसएफ के जवानों के साथ गश्त करते हैं। सेवानिवृत हो चुके राठौड़ ने बताया कि इन श्वानों पर कोई अतिरिक्त पैसा खर्च नहीं होता है। बीएसएफ मुख्यालय के निर्देश पर ही 60 से ज्यादा बॉर्डर ऑŽजर्वेशन पोस्ट पर स्ट्रीट डॉग्स तैनात किए हुए हैं।

खेतों व जंगलों में मिल रही हेरोइन

पाकिस्तान से लगती प्रदेश की 1037 किमी सीमा पर बीएसएफ के श्रीगंगानगर और बीकानेर से€टर में सीमा पार पाक से तस्कर आकर हेरोइन की तस्करी कर रहे हैं। हेरोइन के पैकेट ड्रोन से तस्कर भारतीय सीमा में खेतों में गिरा देते हैं। बीएसएफ के जवान जीरो लाइन के पास चौबीस घंटे तैनात हैं, लेकिन इससे आगे गश्त ही करते हैं।
बॉर्डर पर हेरोइन की बरामदगी
वर्ष- हेरोइन

2022- 24.79 किलोग्राम
2023- 48.40 किलोग्राम
2024- 15.52 किलोग्राम

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