कक्षा 3 से 8 के लिए यह होगा प्लान
1- कक्षा 3 से 5 के विद्यार्थियों के पठन-पाठन कौशल में सुधार करना। लेखन कौशल में अभिवृद्धि के साथ शब्दों के सही उच्चारण, वाक्य संरचना, वर्तनी एवं व्याकरण का ज्ञान। 2- कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों में साहित्यिक एवं रचनात्मक कौशल का विकास। गणितीय दक्षता के लिए सरल गणितीय संक्रियाओं की समझ उत्पन्न करना। यह भी पढ़ें – राजस्थान में शिक्षकों के ट्रांसफर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का बड़ा बयान, सुनकर चौंके टीचर
कक्षा 1 और 2 का रहेगा यह प्लान
1- विद्यार्थियों को पढ़ने-लिखने एवं समझने में सक्षम बनाना। संख्याओं की पहचान और बुनियादी गणितीय संक्रियाओं में सत्र 2026-27 तक दक्ष बनाना। 2- विद्यार्थी कक्षा 3 में क्रमोन्नत होने से पहले पढ़ने, लिखने एवं संख्या ज्ञान में कक्षा स्तर की दक्षता में सक्षम हो जाए। गणित की प्रश्नावली और विज्ञान के सभी पाठों में फार्मूले समझ आ जाए।वर्कशीट में भरेंगे विद्यार्थी का मूल्यांकन
शिक्षा निदेशालय के एसओ अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि विशेष पीरियड को स्कूल में कार्यरत शिक्षकों में से ही एक शिक्षक लेगा। शिक्षा विभाग ने वर्कशीट भी जारी कर रखी है। नई व्यवस्था का उद्देश्य पढ़ाई में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करना है। इसमें वर्कशीट भरी जाएगी। सप्ताह के अंतिम दिन शिक्षक मूल्यांकन करेगा कि बच्चे को कौन-कौन सा अध्याय या गणित का सवाल गहराई से समझ नहीं आया। फिर सोमवार और मंगलवार को उस विषय के पीरियड में शिक्षक उसे फिर से समझाएंगे।सत्र के लिए विभाग ने यह तय किया विजन
1- सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार करना।2- लर्निंग लेवल को विद्यार्थी की कक्षा के स्तर अनुरूप लाना।
3- शिक्षण को आसान और आनंददायी और रुचिकर बनाना।
4- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में प्रदेश मॉडल राज्य बने।