ओवरलोडिंग…ये देखो मौत का सामान ले चले
बीकानेर•Dec 19, 2022 / 09:40 pm•
नौशाद अली
सड़कों पर यातायात के नियम-कायदे वाहन चालकों ने खूंटी पर टांग रखे हैं। पुलिस, परिवहन विभाग व जिला प्रशासन सब कुछ देख कर भी आंखें बंद किए बैठा है। जब कभी हादसा होता है, तो बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन कुछ दिनों बाद पहले जैसे ही हालत बन जाते हैं। हैरत की बात है कि राजमार्ग और शहर से पशु चारे के ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, पिकअप, ऊंटगाड़े व ट्रेलर बेरोक-टोक गुजर रहे हैं। इन पशुचारा ढोने वाले वाहनों में भी बेतरतीब ढंग से चारा भरा होता है। वाहन से ज्यादा इनके बाहर लटके पलड़ों में चारा भरा होता है, जो अक्सर हादसों का कारण बनते हैं, लेकिन पूरे रास्ते न इनको कोई रोकने वाला होता है और न टोकने वाला। चौक-चौराहों पर खड़े पुलिस वाले भी जैसे आंख फेर लेते हैं। इन वाहनों के पीछे न रिफ्लेक्टर लगे होते हैं और न ही किसी तरह का संकेत देने के लिए लाल कपड़ा बंधा होता है, जिससे रात के समय हादसे होने की खतरा भी बना रहता है।
अक्सर बनते हैंहादसे का कारण चारे, मूंगफली से ओवरलोड भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, पिकअप व ऊंटगाड़े अक्सर सड़क हादसों का कारण बनते हैं। रात में इन पर किसी तरह का संकेतक नहीं होने से ओवरटेक करते समय दूसरे वाहन आपस में भिड़ जाते हैं। इतना ही नहीं, कई बार बीच-सड़क पर तूड़ी व चारे की ओवरलोड ट्रॉलियां खराब होने से खड़ी हो जाती हैं, जो रात के समय हादसे का कारण बनती हैं।
थानों के आगे से गुजरते हैं वाहन तूड़ी व चारे के ओवरलोड वाहन राजमार्गों पर स्थापित थानों के आगे से भी बेखौफ गुजरते हैं, लेकिन पुलिस इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की जहमत तक नहीं उठाती। कुछ ऐसा ही हाल परिवहन विभाग का है। इन वाहनों पर किसी तरह की कोई रोक-टोक नहीं होने से यह वाहन मौत का सामान बनकर राजमार्गों पर खुलेआम दौड़ रहे हैं।
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