नया बैच शुरू करते ही हो जाता है फुल
शिक्षक अक्खाराम की प्रतियोगी परीक्षाओं की यह नि:शुल्क कोचिंग अब इतनी पॉपुलर हो चुकी है कि नया बैच शुरू करते ही फुल हो जाता है। वे रोजाना तीन बैच में विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। एक अच्छी बात यह भी सामने आई है कि नि:शुल्क कोचिंग के लिए साधन-संसाधनों में सहयोग देने वाले भी आगे आने लगे हैं।
जनसहयोग से जगह का जुगाड़
चौधरी ने बताया कि अब तक एक हजार से अधिक विद्यार्थी निशुल्क पढ़ चुके हैं। आरएएस, पटवारी, ग्राम सेवक, थर्ड और सैकेंड ग्रेड टीचर, जूनियर अकाउंटेंट जैसी नौकरी मिली है। जनसहयोग से कोचिंग के लिए गंगाशहर-भीनासर में जगह की व्यवस्था की। कक्षाओं में टेक्नोलॉजी का भी सहारा ले रहे हैं।
कुर्सियां मांगकर की शुरुआत
निशुल्क कोचिंग की शुरुआत जुलाई 2022 में एक छोटे से हॉल में की। आसपास रहने वाले लोगों को निशुल्क कोचिंग की जानकारी देकर बच्चों के बैठने के लिए कुर्सियां मांगीं। लोगों का सहयोग भी मिला। जैसे-जैसे कोचिंग के विद्यार्थियों का सरकारी नौकरियों में चयन होता गया, बाकी लोग भी सहयोग करने लग गए। छगनलाल मूंड, रामनिवास गोदारा, राधा चौधरी, अजय कुमार जैन, राजाराम सीगड़, भंवरलाल कूकना, दीपक कुमार सक्सेना आदि इसमें आगे रहे।
12वीं के बाद छोड़ी पढ़ाई, थर्ड ग्रेड टीचर में चयन
अक्खाराम ने बताया कि घर की आर्थिक स्थित कमजोर होने से 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी। जैसलमेर रोड पर एक साल तक चाय की थड़ी लगाई। इससे कुछ पैसे मिलने लगे, तो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते रहे। पहले पटवारी के लिए चयन हुआ। इसके साथ ही एसटीसी भी कर चुके थे। ऐसे में थर्ड ग्रेड टीचर में चयन हो गया। अभी बरसिंगसर सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कार्यरत हैं। स्कूल से छुट्टी के बाद नि:शुल्क कोचिंग देते हैं।