आरएफआईडी कार्ड बनाएंगे एसपी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड बनाए जाएंगे, जिनकी मदद से डॉक्टर अपने ड्यूटी रूम को खोल सकेगा। साथ ही अगर कोई व्यक्ति डॉक्टर के रूम में आना भी चाहता है, तो इसके लिए डॉक्टर की आरएफआईडी की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा पीबीएम अस्पताल के मेडिकल वार्डों व महिला चिकित्सक, नर्सिंग कक्ष के आसपास कैमरे लगवाए जाएंगे।संदिग्ध क्षेत्रों को चिन्हित कर अलार्म लगाए जाएंगे
एसपी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध पीबीएम अस्पताल परिसर में ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जाएगा, जो संदिग्ध क्षेत्र में आते हैं। संदिग्ध क्षेत्रों में 50 से अधिक अलार्म लगवाए जाएंगे। यह तेज आवाज और सेंसर आधारित होंगे। अगर किसी डॉक्टर पर आपराधिक गतिविधियां होती हैं, तो यह अलार्म स्वत: बजने लगेगा। इस पर डॉक्टर की सुरक्षा की जा सकेगी। हालांकि इस संबंध में अभी कॉलेज प्रशासन ज्यादा जानकारी नहीं दे पा रहा है कि यह किस तरह काम करेगा।
महिला सुरक्षा गार्ड की संख्या बढ़ाएंगे एसपी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध पीबीएम अस्पताल के विभिन्न विभागों में करीब 300 जूनियर डॉक्टर ऑन ड्यूटी रहते हैं, इनमें अधिकतर लड़कियां होती हैं। महिला गार्ड की बात करें, तो बहुम कम देखने को मिलती हैं। महिला मरीज और महिला चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी की सुरक्षा के लिए कॉलेज प्रशासन महिला सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहा है। साथ ही वार्डों में कोई मरीज या उसका रिश्तेदार नुकीली धारदार हथियार तो साथ नहीं ली रहा है, इसकी जांच की जाएगी।
एमओयू होना बाकी रात्रि के समय महिला चिकित्सक को ऑन कॉल लाने के लिए एक निजी फर्म से गाड़ी की खरीद की जा रही है। संबंधित निजी फर्म से एमओयू दो दिन में कर लिया जाएगा। यह कार महज रात्रि में ऑन कॉल आने वाली महिला चिकित्सकों को लाने-ले-जाने के काम ली जाएगी। कार में चालक के साथ एक सुरक्षाकर्मी तैनात रहेगा।डॉ. गुंजन सोनी, प्राचार्य एसपी मेडिकल कॉलेज