पूरा इलाका बम धमाकों से गूंजने लगा। धमाकों के बीच दुश्मन की चीख-पुकार मानो दब सी गई।
बीकानेर•May 10, 2018 / 11:59 am•
dinesh kumar swami
भारतीय थल सेना के टैंकर तेजी से 'दुश्मन' के ठिकानों की ओर बढ़ रहे हैं। टैंकरों की आवाज को सुन 'दुश्मन' अपना मोर्चा संभालते, इससे पहले ही भारतीय वायु सेना के जवानों ने दुश्मन के बंकरों पर बम बरसाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया।
पूरा इलाका बम धमाकों से गूंजने लगा। धमाकों के बीच दुश्मन की चीख-पुकार मानो दब सी गई।
दो माह से चल रहे सप्तशक्ति कमान के युद्धाभ्यास 'विजय प्रहारÓ का बुधवार को अंतिम दिन था। युद्धाभ्यास में करीब २५ हजार सैनिकों ने हिस्सा लिया।
इस शक्ति प्रदर्शन के दौरान जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल चेरिष मैथसन भी मौजूद रहे। उन्होंने युद्धाभ्यास की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय सेना हर मुकाबले के लिए सक्षम है।
युद्धाभ्यास की शुरुआत एक अक्रामक रणनीति के तहत वायु एवं पृथ्वी पर समन्वित युद्ध के तौर पर पूरी खुफिया जानकारी का इस्तेमाल करते हुए की गई थी। इस अभ्यास में एयर कैवेलरी रणनीति का इस्तेमाल किया गया।
युद्धाभ्यास के लिए विभिन्न प्रकार के कठिन मापदण्ड तय किए थे, जिन्हें हमारे सैनिकों ने कड़े मुकाबलों के साथ पूरा किया।
अभ्यास के दौरान रसद पहुंचाने की जस्ट टाइम तकनीक का इस्तेमाल किया गया। हमारी सेना अब दुश्मन के इलाकों में दूर तक जाकर मार कर सकने में सक्षम है।
युद्धाभ्यास के अंतिम दिन 'दुश्मनोंÓ के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के लिए सेना ने पहली बार एयर कैवेलरी को शामिल किया। इसमें हथियार युक्त हेलीकॉप्टर, युद्धक्षेत्र में नए अस्त्र-शस्त्रों सहित अत्याधुनिक सेंसर और उच्च परिशुद्धता हथियारों का उपयोग किया गया।
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