पति भी रख रहे व्रत करवा चौथ का पर्व केवल महिलाओं का नहीं, अब यह दंपतियों के बेहतर आपसी समन्वय, एक-दूसरे का सम्मान, एक-दूजे की भावनाओं को समझने, धैर्य और प्यार के प्रतीक के रूप में मनाया जा रहा है। करवा चौथ का व्रत सामान्यत: महिलाएं ही रखती है। वर्तमान में कुछ युवा दंपती एक साथ यह व्रत रख रहे है। कुछ पति भी पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत रख रहे है। पत्नी के लिए उनका कहना है कि जो अपने घर, परिवार सभी को छोड़कर उनके घर आई है, उनका भी दायित्व बनता है कि वह भी ं, उसकी भावनाओं को समझे, उसके उत्तम स्वास्थ्य,दीर्घायु की कामना करें।
पत्नी की दीर्घायु के लिए 19 वर्षों से रख रहे व्रत गोकुल सर्कल लालीबाई पार्क के पास रहने वाले कृष्ण चंद्र पुरोहित वर्ष 2005 से अपनी पत्नी मीनाक्षी की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत रख रहे है। पुरोहित के अनुसार जब पत्नी अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रख सकती है तो पति भी अपनी पत्नी की दीर्घायु के लिए व्रत रख सकता है, इसी सोच के साथ करवा चौथ का व्रत रखना प्रारंभ किया, जो विगत 19 वर्षों से हर साल रख रहा हूं। उन्होंने बताया कि सफल दांपत्य जीवन में एक-दूसरे का सम्मान और बेहतर आपसी समन्वय जरुरी है।
आज भी संभालकर रखे हैं कड़ा व टीका साफा, पाग, पगड़ी कलाकार कृष्ण चन्द्र पुरोहित के अनुसार वर्ष 2005 में शादी के बाद पहले करवा चौथ पर्व पर जब मैंने मीनाक्षी के लिए व्रत रखा था तो उसने उपहार स्वरूप एक चांदी का कड़ा दिया था। 19 वर्षों से उसे संभालकर रखा है। साल में केवल एक दिन लक्ष्मी पूजन के दौरान उसे पहनता हूं। मीनाक्षी का यह उपहार मेरे लिए बेशकीमती है। वहीं मीनाक्षी का कहना है कि एक महिला के लिए पति के आगे सभी उपहार कुछ भी नहीं होते है। हर साल उपहार मिलते है, लेकिन शादी के बाद पहले करवा चौथ व्रत पर कृष्ण चन्द्र से मिला सोने का टीका सबसे प्रिय उपहार है, जिसे हमेशा संभालकर रखती हूं।
42 वर्षों से संभालकर रखा है झोंपड़ी का छल्ला रथखाना पंयायत भवन के सामने निवासी कृष्णा व्यास पिछले 42 वर्षों से करवा चौथ का व्रत रख रही हैं।वर्ष 1982 में इन्द्रदेव पुरोहित के साथ विवाह होने के बाद से अब तक लगातार व्रत रख रही हैं। जीवन के 72 बसंत देख चुकी कृष्णा रविवार को अखंड सौभाग्य व पति इन्द्रदेव की दीर्घायु के लिए व्रत रखेगी। इसके लिए कृष्णा पुरोहित तैयारियों में जुटी हुई है। नए वस्त्रों की खरीदारी की है। इन्द्रदेव पुरोहित के अनुसार वर्ष 1982 में विवाह के वर्ष के समय कृष्णा को झोंपड़ी का एक छल्ला अधिक पसंद था। करवा चौथ के दिन उन्होंने कृष्णा को यह छल्ला उपहार में दिया था। कृष्णा बहुत प्रसन्न हुई थी व इस छल्ले को आज तक संभालकर रखा हुआ है।
उपहार में चांदी की पायल इन्द्रदेव पुरोहित के अनुसार कृष्णा को सोना व चांदी के आभूषण अधिक पसंद है। करवा चौथ के दिन आभूषण व वस्त्र उपहार स्वरूप में जरूर देता हूं। पिछले कुछ समय से कृष्णा को चांदी की पायल अधिक पसंद है। उसकी मनपसंद की पायल उपहार में जरूर दिलवाता हूं। इस बार भी पायल खरीदी है।
पत्नी रहे स्वस्थ, हो दीर्घायु, मधुर छह वर्षों से चारू के लिए रख रहे व्रत पति और पत्नी जीवन रूपी गाड़ी के दो पहिए है। सफल दांपत्य जीवन के लिए आवश्यक है कि दोनों एक साथ चले। दोनों एक दूसरे की भावनाएं समझे, एक सोच और एक समझ के साथ जीवन का निर्वाह करें। एक-दूसरे पर अटूट विश्वास और दोनों में अथाह प्रेम हो। इसी सोच और समझ के साथ जीवन निर्वाह कर रहे है एक्सरा गली निवासी मधुर भाटिया और चारू भाटिया। वर्ष 2018 में परिणय सूत्र में बंधे मधुर और चारू करवा चौथ का व्रत भी एक साथ कर रहे है। करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए रखती है, लेकिन मधुर अपनी पत्नी चारू के लिए पिछले छह वर्ष से करवा चौथ का व्रत रख रहे है। करवा चौथ के दिन दोनों एक साथ पूजन के बाद व्रत का पारणा करते है।
अंगूठी व हैण्डमेड कार्ड बहुमूल्य करवा चौथ के दिन मधुर और चारू एक दूसरे को उपहार भी देते है। चारू बताती है कि मधुर की ओर से उनको दी गई उपहार में अंगूठी उनके जीवन का बेशकीमती उपहार है। मधुर हर साल उपहार देते है, लेकिन अंगूठी स्पेशल है, जिसे बहुत संभालकर रखती हूं। वहीं मधुर के पास चारू की ओर से बनाया गया हैण्डमेड कार्ड है, जो मधुर के लिए बेशकीमती है।