वे भी टीम वर्क के साथ अपराधों पर लगाम लगाएंगे। कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने की हर संभव कोशिश की जाएगी। रेंज में शातिर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। बीकानेर रेंज को क्राइम लैस बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब अपराधियों के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है तो पुलिस भी अपराधियों की धरपकड़ के लिए जमीनी सीमाओं को नहीं मानेगी। शहर में बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने पर उन्होंने कहा कि गश्त व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा।
रेंज में जिप्सम के अवैध कारोबार को रोकने के लिए उन्होंने कहा कि जल्दी ही पटवारियों, तहसीलदार, पुलिस, एमएमआरडी सहित अन्य विभागों को साथ लेकर कार्ययोजना बनाएंगे और जिप्सम माफियाओं पर लगाम कसेंगे। दिनेश एमएन ने कहा कि परिवादियों के लिए उनके द्वार हमेशा खुले है। जो परिवादी आयेगी,उसकी बात सुनकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पुलिस में भी कही भ्रष्टाचार की बात है तो उसे भी खत्म करने के लिए कार्यप्रणाली बनाई जाएगी।
चर्चित आइपीएस
आइपीएस दिनेश एमएन देशभर के चर्चित आइपीएस में से एक है। वर्ष 2006 में उदयपुर में एसपी रहे उन्होंने मार्बल व्यवसासियों से फिरौती मामले में तीन राज्यों के कुख्यात अपराधी सोराहबुदीन व तुलसी को नामजद किया। बाद में दोनों एनकाउंटर में मारे गए। एनकाउंटर के मामले में जेल में भी रहे और जेल से बाहर आने के बाद जयपुर एसीबी का कार्यभार संभाला।
आइपीएस दिनेश एमएन देशभर के चर्चित आइपीएस में से एक है। वर्ष 2006 में उदयपुर में एसपी रहे उन्होंने मार्बल व्यवसासियों से फिरौती मामले में तीन राज्यों के कुख्यात अपराधी सोराहबुदीन व तुलसी को नामजद किया। बाद में दोनों एनकाउंटर में मारे गए। एनकाउंटर के मामले में जेल में भी रहे और जेल से बाहर आने के बाद जयपुर एसीबी का कार्यभार संभाला।
एसीबी में उन्होंने खान महाघुस कांड का पर्दाफाश किया। उन्होंने माइनिंग डायरेक्टर प्रशासनिक अधिकारी अशोक सिंघवी सहित आठ जनों को पकड़ा। एसओजी आइजी रहते हुए राजस्थान के कुख्यात अपराधी आनंदपाल एनकाउंटर में भी उनके नाम की चर्चा रही। परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह का भी पर्दाफाश करने जैसे कई बड़े काम में भी उनका नाम दर्ज है।